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By.जावेद बिन अली
राजस्थान भरतपुर : आज दिनांक १० अगस्त को न्यू पेंशन स्कीम एम्पलाॅईज फैडरेशन ऑफ राजस्थान, राजस्थान के प्रांत व्यापी आव्हान पर भरतपुर जिले में २१ सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेष संरक्षक लालसिंह फौजदार के नेतृत्व में मुख्यंत्री महोदय को जिला कलक्टर महोदय के माध्यम से ज्ञापन दिया।
प्रदेश महासचिव राकेश कुमार ने विधायक एवं राज्यमंत्री महोदय से सिविल सेवा अंशदायी पेंशन नियम २००५ को निरस्त कर जनवरी २००४ के बाद नियुक्त सरकारी कार्मिकों के लिये राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम १९९६ लागू करने की मांग की।
साथ ही एनपीएस कार्मिकों का १० प्रतिशत एनपीएस अंशदान एनएसडीएल को भेजने की जगह हाल ही में खोले गये जीपीएफ-२००४ जीपीएफ-एसएबी खातों में जमा करवाना शुरू किये जाने की मांग की।
गौरतलब है कि न्यू पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन योजना लागू करने से राज्य सरकार को प्रति वर्ष ६ हजार करोड़ रूपये से ज्यादा की बचत होगी। नई अंशदायी पेंशन योजना शेयर बाजार आधारित होने के कारण लाखों कार्मिकों एवं उनके परिवारों को उनकी सेवानिवृति के पश्चात वृद्धावस्था में आर्थिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं है। एनपीएस योजना में न्यूनतम पेंशन की भी कोई गारन्टी नहीं है। एनपीएस में जो कर्मचारी सेवानिवृत हो रहे हैं उन्हें महज ८०० रू से १२०० रू तक पेंशन मिलने के प्रकरण सामने आ रहे हैं, जिससे एनपीएस के खिलाफ प्रदेश के कार्मिकों में भयंकर रोष व्याप्त है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारी गाँधीवादी तरीके से आन्दोलन कर रहे हैं परन्तु सरकार लाखों कार्मिकों एवं उनके परिवार की सामाजिक सुरक्षा के मुद्दे पर गहन चुप्पी साधे हुये है।
भावना चौधरी वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष ने बताया कि राजस्थान में वर्ष २००४ से पूर्व की भाॅति सभी कार्मिकों के लिये पुरानी पेंशन योजना लागू करना संवैधानिक रूप से पूर्णतः राज्य सरकार के कार्य क्षेत्र में है। एनपीएस योजना न राज्य हित में है और न कार्मिकों के हित में। विनोद जैमन ने राजस्थान सरकार से एनपीएस योजना के नफा-नुकसान का परीक्षण करवाने की मांग की।
प्रतिनिधि मंडल में अनूप चौधरी, मुकेश सिंह, बलवीर सिंह, सुनील कुमार, प्रमिला सिंह, भावना चौधरी, रमन कुमार, रामवीर सिंह, विनोद कुमार, सुभाष घई वाल्मिकी आदि शामिल थे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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