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जोधपुर-नाबालिग शिष्या से दुष्कर्म के मामले में आसाराम (80) को दोषी करार दिया गया है। विशेष एससी-एसटी कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने बुधवार सुबह सेंट्रल जेल में कोर्ट लगाकर अपना फैसला सुनाया। जोधपुर की जेल में बंद आसाराम के दो सहयोगियों को भी दोषी ठहराया गया। अदालत ने आसाराम बापू को आजीवन कारावास व दो सहयोगी शिल्पीय व शरद को 20-20 साल की सजा सुनाई है। तीनों मुल्जिमों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना कोर्ट ने लगाया है। सजा सुनते ही अदालत में आसाराम बापू सिर पकड़ कर रोने लगा। फैसले और सजा के खिलाफ आसाराम राजस्थान हाईकोर्ट में अपील कर सकता है। इंदिरा गांधी के हत्यारों, आतंकी अजमल आमिर कसाब और डेरा प्रमुख गुरमीत राम-रहीम के केस के बाद ये देश का चौथा ऐसा बड़ा मामला है, जब जेल में कोर्ट लगी और वहीं से फैसला सुनाया गया। पॉक्सो एक्ट के तहत भी ये पहला बड़ा फैसला है। पॉक्सो एक्ट के तहत बनाई गई कोर्ट जिला और सेशन कोर्ट स्तर की होती है। ऐसे में अब फैसले और सजा के खिलाफ अपील सीधे हाईकोर्ट में होगी। आसाराम की प्रवक्ता नीलम दुबे ने कहा कि हम अपनी कानूनी टीम से सलाह लेंगे। इसके बाद ही आगे की रणनीति तय होगी। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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