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By.जावेद बिन अली
जयपुर: आज दिनांक को न्यू पेंशन स्कीम एंपलाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान के मीडिया प्रभारी रजनीकांत दीक्षित ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि राजस्थान सहित भारत के जनवरी २००४ के बाद नियुक्त कर्मचारी ३० जून को पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू किए जाने की मांग को लेकर ट्विटर पर चलाए जा रहे महाअभियान से बड़ी संख्या में जुड़ेंगे। पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर एनपीइसईएफआर ने ट्विटर पर #RestoreOldPension अभियान की शुरुआत की है।
गौरतलब है कि देशभर में १५ अगस्त २० को हैशटैग #NPS_QUIT_INDIA को भारत में एक नंबर पर एवं ८ जून २१ को हैशटैग #डीएबहालकरो को भारत में एक नंबर के साथ विश्व में ९ नंबर पर ट्रेंड करवा चुके हैं
देशभर के लगभग ७४ लाख सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारी नवीन अंशदाई पेंशन योजना नामक म्यूच्यूअल फंड योजना का दंश झेल रहे हैं, जो कि पेंशन योजना नहीं है तथा जिसमें लंबी सेवा अवधि के बाद भी सेवानिवृत्ति पर महज छह सौ से नौ सौ रुपये मासिक पेंशन मिलने के उदाहरण देशभर में मिल रहे हैं। जिससे कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट जगत को खरबों रुपए के पेंशन फंड को हड़पने की छूट देने के लिए १९७२ के केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम के स्थान पर १ जनवरी २००४ से भारत की सेना को छोड़कर अर्धसैनिक बलों सहित सरकारी नौकरी में आए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना शुरू की जिसका केंद्र की कॉरपोरेट हितेषी सरकारों के दबाव में पश्चिम बंगाल के अलावा सभी राज्यों ने अंधानुकरण करते हुए एक-एक करके अलग-अलग तिथि से अपने राज्यों में अंशदाई पेंशन योजना को लागू किया।
भारतीय संविधान भाग ११ की सातवीं अनुसूची में अनुच्छेद २४५ -२५५ राज्यों और संघ के मध्य के अधिकारों को उल्लेखित करती है , जिसके अनुसार केंद्र राज्य संबंध तीन भागों, संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में विभाजित है। न्यू पेंशन स्कीम राज्य सूची के विषय पेंशन पर केंद्र का अतिक्रमण है , जिसका राज्य सरकारों को भी खुला विरोध करना चाहिए। वर्ष २००९ में इसे न्यू पेंशन योजना की जगह नेशनल पेंशन योजना का नाम दिया गया एवं केंद्र व राज्य के सरकारी कार्मिकों के अलावा कारपोरेट कर्मचारी जगत सहित आम नागरिकों के लिए भी खोल दिया गया , जबकि यह पेंशन योजना ना होकर एक म्यूच्यूअल फंड योजना है। जिसमें शेयर मार्केट निवेश जोखिम होने के बावजूद भी वर्ष २०१३ से संसद द्वारा पारित पेंशन फंड नियम और विकास प्राधिकरण एक्ट द्वारा न्यूनतम रिटर्न की कोई गारंटी प्रदान नहीं की गई है एवं किसी का भी निवेश सुरक्षित नहीं है।
इसके अलावा एनपीएस में कई और दिक्कत है, इसमें महंगाई भत्ते में होने वाली बढ़त के मुताबिक संशोधन का कोई प्रावधान नहीं है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी को साल में दो बार संशोधित महंगाई भत्ते का लाभ मिलता था। संगठन केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए शेयर बाजार से जुड़ी पेंशन योजना का समर्थन नहीं करता है। इन्हीं मांगों को ध्यान में रखते हुए मंगलवार ३० जून २०२१ को प्रातः१० बजे से सांय ४ बजे तक ट्विटर पर #RestoreOldPension अभियान रहेगा।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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