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जौनपुर/शाहगंज कोतवाली क्षेत्र स्थित पेट्रोल पंप पर हफ्तों से खड़े दो खराब ट्रकों का गोवध में चालान करने का मामला पुलिस के गले की फांस बन गया है। वादी की याचिका पर हाईकोर्ट ने मुकदमे की तीन माह में विवेचना कर रिपोर्ट कोर्ट में सौंपने का आदेश सीबीसीआईडी को दिया है। साथ ही पुलिस अधीक्षक को आदेश के त्वरित अनुपालन का निर्देश भी दिया। इस मामले में कोतवाल पर एक लाख रुपये की रिश्वत मांगने का भी आरोप है। वादी के प्रार्थना पत्र पर सीजेएम के आदेश पर कोतवाल शाहगंज समेत छह आरोपियों के खिलाफ चोरी, प्रताड़ना, मिथ्या साक्ष्य गढ़ने व अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। सीओ ने इसका विवेचना शहर कोतवाल को सौंपी। वादी ने शाहगंज कोतवाल के मुलजिम होने का हवाला देते हुए डीजीपी एवं अन्य अफसरों को प्रार्थनापत्र दिया कि एक कोतवाल मुलजिम हैं इसलिए पुलिस इसकी निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है। ऐसे में कोतवाल को निलंबित कर विवेचना किसी अन्य जांच एजेंसी को सौंपी जाए। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तब उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जमीरुद्दीन निवासी सबरहद, शाहगंज ने ने घाटा होने के कारण दो ट्रकों को बेचने के मकसद से राजेश गौतम के पेट्रोल पंप पर दो फरवरी 2018 को ग्राहकों को देखने के लिए खड़ा कर दिया। 25 फरवरी को दो बजे दिन में कोतवाल शाहगंज पहुंचे और दोनों ट्रक थाने ले गए। आरोप है कि ट्रकों को छोड़ने के लिए उन्होंने एक लाख रुपये की मांग की थी। पैसे नहीं देने तक गोवध व पशु क्रूरता अधिनियम में चालान कर दिया। खाली ट्रक वहां से पुलिसवालों द्वारा ले जाते समय गवाहों एवं पेट्रोल पंप कर्मियों ने देखा। वादी ने इसकी सीसीटीवी फुटेज भी कोर्ट में दाखिल की थी। कोर्ट ने सीओ शाहगंज को जांच का आदेश दिया। सीओ ने पुलिसकर्मियों को क्लीनचिट दे थी। सीसीटीवी फुटेज देखने के बदा कोर्ट ने संज्ञेय मामला पाते हुए प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया। तब आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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