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रिपोर्टर / अफसर अली
उत्तर प्रदेश: यूपी के इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि किसी भी शादीशुदा व्यक्ति या महिला द्वारा दूसरी शादी के लिए धर्म परिवर्तन करना वैद्य नहीं माना जा सकता साथ ही कोर्ट ने कहा ऐसे विवाह कि कानून की नजर में कोई मान्यता नहीं है जी हां कानून ऐसे किसी विवाह को नहीं मानता है जो धर्म परिवर्तन करके किया गया हो साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा की पहली शादी से तलाक लिए बिना दूसरी शादी करना भी गैरकानूनी है इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि किसी भी शादीशुदा व्यक्ति या महिला द्वारा दूसरी शादी के लिए धर्म परिवर्तन करना वैध नहीं माना जा सकता.साथ ही कोर्ट ने कहा ऐसे विवाह की कानून की नजर मैं कोई मान्यता नहीं है जी हां कानून ऐसे किसी विवाह को नहीं मानता है जो धर्म परिवर्तन करके किया गया हो साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि पहली शादी से तलाक लिए बिना दूसरी शादी करना भी गैरकानूनी है कोर्ट ने दूसरी शादी को लेकर धर्म परिवर्तन करना अपराध है ऐसे मामले में किया गया विवाह वैध नहीं होगा कोर्ट के फैसले पर अगर गौर किया जाए तो साफ है कि कानून की नजर में दूसरी शादी के लिए धर्म परिवर्तन करना अपराध है
क्या है पूरा मामला
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह फैसला जौनपुर की एक महिला द्वारा दूसरे धर्म के पुरुष से विवाह करने के लिए धर्म परिवर्तन करने के मामले में सुनाया आपको बता दें कि कोर्ट ने महिला को राहत ना देने का फैसला करते हुए कहां की महिला की गिरफ्तारी होगी कोर्ट ऐसे किसी विवाह को नहीं मानता है यूपी के जौनपुर की महिला अपने प्रेमी से शादी करने के लिए कोर्ट में अपील की थी लेकिन कोर्ट ने धर्म परिवर्तन की बात को खारिज करते हुए गैरकानूनी बता दिया
जानिए याचिका में क्या कहा गया
कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया कि दोनों बालिग हैं इसलिए उन्हें शादी करने का अधिकार है महिला की पहली शादी हो चुकी है मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने दोनों के इस विवाह की अपील को खारिज कर दिया महिला अपना धर्म परिवर्तन करना चाहती थी जो कि कोर्ट ने मना कर दिया
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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