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जौनपुर/बदलापुर वारंट किसी अन्य व्यक्ति के नाम था और पुलिस ने किसी और को पकड़ लिया। वह खुद को बेकसूर बताता रहा लेकिन पुलिस वाले कुछ सुनने को तैयार ही नहीं थी। इस तरह बेकसूर व्यक्ति को बदलापुर पुलिस ने 48 घंटे तक थाने में बैठाकर प्रताड़ित किया। जेल भेजने से पहले मेडिकल कराते वक्त पता चला कि वारंटी का नाम तो कुछ और है और जिसे पकड़ा गया है वह कोई और। उसके बाद अफरतफरी मच गई। पूरे थाने ने जुटकर असली वारंटी को पकड़ा और जेल भेजा। बदलापुर थाना क्षेत्र में कस्तूरीपुर नाम से दो गांव हैं। एक गांव बदलापुर थाने से करीब है जबकि दूसरा महराजगंज विकास खंड में है। मारपीट के एक मामले में कस्तूरीपुर गांव निवासी जैनूराम के नाम वारंट था। पुलिस बदलापुर कस्बे के पास में स्थित कस्तूरीपुर गांव के जैनूराम को गुरुवार को सुबह थाने उठा ले आई। जैनूराम पुलिस से दुहाई देता रहा कि उसके खिलाफ न तो कभी कोई मुकदमा दर्ज है और न ही उसने कोई अपराध किया है। लेकिन पुलिस उसकी एक न सुनी। रातभर उसके परिवार के लोग भी परेशान हुए। रातभर उसे थाने में बैठाए रखा। सुबह चालान भेजने से पहले उसे मेडिकल के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया तो उस दौरान पुलिस को अपनी गलती का एहसास हुआ। पता चला कि महराजगंज विकास खंड में स्थित कस्तूरीपुर के जैनूराम के खिलाफ वारंट है। आननफानन में पुलिस वहां पहुंची और असली वारंटी को गिरफ्तार कर थाने ले आई और रातभर बेकसूर थाने में बैठाए गए जैनूराम को छोड़ दिया। थानाध्यक्ष सुनील दत्त का कहना है कि थाना क्षेत्र में एक ही नाम के दो गांव हैं और जिसके खिलाफ वारंट था संयोग से दोनों के नाम और पिता के नाम भी एक ही हैं। दोनों जैनू राम के पिता का नाम पोड़ई है। जिसे गलती से लाया गया था उसे छोड़ दिया गया और असली वारंटी का चालान कर दिया गया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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