NDA में हो सकती है जौनपुर के बाहुबली की एंट्री! धनंजय सिंह जौनपुर से लड़ सकते हैं चुनाव -सूत्र

By: Riyazul
Apr 05, 2019
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जौनपुर: पूर्वांचल के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह एक बार फिर जौनपुर सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. धनंजय सिंह एनडीए की ओर से इस सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं. गुरुवार को ही एनडीए में शामिल निषाद पार्टी के टिकट पर वह जौनपुर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.
 
बैक डोर से बाहुबली धनंजय सिंह की NDA में एंट्री, जौनपुर से लड़ेंगे चुनाव?

चुनाव हो और यूपी में बाहुबलियों का जिक्र न हो ऐसा कैसे हो सकता है. इस बार पूर्वांचल में कई बाहुबली नेता चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन चर्चा है कि बाहुबली नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह एक बार फिर जौनपुर सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. धनंजय सिंह एनडीए की ओर से इस सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं. गुरुवार को ही एनडीए में शामिल निषाद पार्टी के टिकट पर वह जौनपुर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि निषाद पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी इसका अभी फैसला नहीं हुआ है और न ही कोई कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार है. महागठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में होते हुए भी उलझी हुई है.
जौनपुर सीट पर पिछली बार मोदी लहर में बीजेपी उम्मीदवार के पी सिंह ने सबको चौंकाते हुए जीत हासिल की थी. बीजेपी इस बार भी इस सीट पर कब्जा जमाना चाहती है लेकिन अभी तक पार्टी की ओर से इस सीट पर किसी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. वहीं जौनपुर जिले की दूसरी सुरक्षित लोकसभा सीट मछलीशहर पर बीजेपी ने बड़ा दांव खेला है. यहां से बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद का टिकट काटकर कुछ ही दिन पहले पार्टी में शामिल हुए बीपी सरोज को उम्मीदवार बनाया है. इसके बाद अब जौनपुर सीट पर सबकी नजरे हैं.
धनंजय सिंह को इस पार्टी का मिल सकता है साथ
पूर्वांचल के बाहुबली नेता धनंजय सिंह पहली बार 2009 में बसपा के टिकट पर जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. 2014 में धनंजय सिंह निर्दलीय चुनाव लड़े लेकिन मोदी लहर में वह चुनाव हार गए. एक बार फिर धनंजय सिंह चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं लेकिन इस बार वह निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ना चाहते. धनंजय सिंह की बीजेपी में सीधे एंट्री मुश्किल है ऐसे में वह निषाद पार्टी के जरिए एनडीए उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. बताया जा रहा है कि एनडीए में शामिल निषाद पार्टी को बीजेपी यूपी की जौनपुर और भदोही की सीट दे सकती है. जौनपुर सीट पर राजपूत, केवट और यादवों की वोटरों की काफी तादाद है. बीजेपी ने भदोही सीट पर मौजूदा सांसद बीरेंद्र सिंह मस्त की सीट बदल दी है. पार्टी ने उन्हें अब बलिया से मौजूदा सांसद भरत सिंह का टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया है. बीरेंद्र सिंह मस्त को दूसरे लोकसभा क्षेत्र में भेजे जाने के बाद इस बात की चर्चा जोरों पर है कि बीजेपी यह सीट अपनी सहयोगी निषाद पार्टी को दे सकती है. इसके साथ ही बीजेपी जौनपुर सीट भी निषाद पार्टी को दे सकती है.
बीजेपी के लिए आसान नहीं है इस बार जौनपुर सीट पिछले कई लोकसभा चुनावों से यह सीट ऐसी रही है कि जहां जीत के लिए बीजेपी और कांग्रेस को अच्छा-खासा संघर्ष करना पड़ता है. 2014 में बीजेपी ने इस सीट पर मोदी लहर में जीत हासिल कर ली लेकिन 2019 में हालात ऐसे नहीं है. इस बार सपा और बसपा दोनों दल साथ आ गए हैं और इन दोनों ही दलों के वोटों के मिल जाने के बाद इस सीट पर बीजेपी की राह आसान नहीं है. अभी तक यहां बीजेपी, बीएसपी और एसपी में त्रिकोणीय मुकाबला होता रहा है, बीजेपी ऐसे में अपने सहयोगी दल निषाद पार्टी के सहारे धनंजय सिंह पर दांव लगा सकती है.
सपा - बसपा में भी इस सीट को लेकर असमंजस

महागठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में आई है लेकिन दोनों दलों के बीच इस सीट को लेकर अदला-बदली की बात चल रही है. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव  लगातार पारसनाथ यादव को टिकट देने का दबाव अखिलेश यादव पर बना रहे हैं. बीएसपी जौनपुर सीट के बदले सपा से बलिया सीट बदलने को तैयार है लेकिन अखिलेश यादव उस सीट को लेकर भी असमंजस में हैं. बलिया लोकसभा सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के बेटे नीरज शेखर दावेदार हैं और पूर्व में वह इस सीट से सांसद भी रह चुके हैं. 2014 के चुनाव में बीएसपी ही दूसरे नंबर पर थी और हार-जीत का अंतर लगभग डेढ़ लाख वोटों का था। यहां से एसपी के पारसनाथ यादव तीसरे स्थान पर थे और उन्हें एक लाख 80 हजार वोट मिले थे. हालांकि यह तय हो गया है कि इस बार जौनपुर सीट पर सपा के टिकट पर ही महागठबंधन का उम्मीदवार होगा.


Riyazul

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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