जाकी पैर ना फटी बेवाई,वो क्या जाने पीर पराई.

By: Riyazul
Dec 19, 2018
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मछलीशहर:पूस माह के जिस महीने में किसानो के खेतो में हरियाली छायी रहती थी,आज तक उन खेतो में हल ना चल पाना और उनमे पड़ी दरारे मानो साफ़-साफ़ बया कर रही हो कि जाकी पैर ना फटी बेवाई,वो क्या जाने पीर पराई।मछलीशहर तहसील क्षेत्र में लगभग 21 हजार हेक्टेयर भूमि की सिचाई नहरो के माध्यम से होती है।लेकिन आज तक क्षेत्र की नहरो में पानी नहीं आ सका है।जिसके चलते किसानो की जमींन परती पड़ी हुयी है।अन्नदाता अब सरकार की दोहरी मार से त्रस्त है।पहले तो उनकी धान की फसल छुट्टा पशुओ ने बर्बाद कर दिया और अब नहरो में पानी न आने से गेहू की बुआई नहीं हो पा रही है।शासन-प्रसाशन किसानो की इस पीड़ा से कोई सरोकार नहीं रहा।बार-बार शिकायतों के बाद भी वही ढाख के तीन पात।स्थानीय किसानो का यहाँ तक कहना है कि सरकार द्वारा किसानो की आय दुगुनी करने का कागजी घोड़ा दौड़ाया जा रहा है।पर असल में किसानो की हो रही इस फजीहत पर प्रशासन की चुप्पी से तो बस यही लगता है कि जाकी पैर ना फटी वेवाई,का जाने उ पीर पराई।


Riyazul

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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