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By : सुरेन्द्र सरोज
नवी मुंबई : अपने सेवाभावी कार्यों से नवी मुंबई ही नहीं बल्कि मुंबई में भी सुप्रसिद्ध वरिष्ठ समाज सेवक प्रोफेसर केशर सिंह का लखनऊ, उत्तर प्रदेश के एक अस्पताल में २८ जुलाई को वृद्धावस्था के कारण निधन हो गया। वे ८९ वर्ष के थे ।अपने पीछे स्वर्गीय सिंह २ पुत्र , २ पुत्री के अलावा भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनका अंतिम संस्कार लखनऊ के ही वैकुंठ धाम में किया गया। जहां उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए उनके शुभचिंतक व परिवारजन मौजूद थे। पंजाब के लायलपुर ( जो अब पाकिस्तान में फैसलाबाद के नाम से प्रसिद्ध है ) में जन्मे सिंह ने उम्र के जिस पड़ाव में रहकर समाज की बेहतरी के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया वह उभरते हुए युवा समाज सेवकों के लिए प्रेरणादायक व नवी मुंबई के लिए गौरवपूर्ण है। सन १९४८ में देश बंटवारे के बाद भारत आकर बसे और बिहार स्थित दरभंगा में पले- बढ़े सिंह अपने २० वर्षों के कैरियर में शिक्षा के साथ- साथ कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़े रहे। शिक्षा के बाद सी एम साइंस कॉलेज, दरभंगा भौतिक विज्ञान में प्रोफेसर के अलावा श्री गुरु सिंह सभा, दरभंगा में१५ सालों तक अध्यक्ष व महासचिव तथा बिहार स्टेट्स सिख प्रतिनिधि बोर्ड के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे। इन पदों पर रहते हुए सिंह ने आर्थिक रूप से असहाय और पीड़ित करीबन हजारों लोगों की मदद की। सन १९९६ में कॉलेज से सेवानिवृत्त होने के बाद सिंह नवी मुंबई आ गए। यहां आकर भी उन्होंने समाज सेवा को अनवरत जारी रखा। ८० साल की उम्र में भी सिंह एक युवा की तरह समाज सेवा से जुड़े रहे। रोजाना बस, कार के अलावा भीड़ भरी ट्रेन में बैठकर जरूरतमंदों की सेवा में जुटे रहते थे। नवी मुंबई व मुंबई के विभिन्न अस्पतालों में सप्ताह के तय दिनों में मरीजों से भेंट करना तथा उनकी जरूरतों को पूरा करना श्री सिंह की दिनचर्या बन गई थी। कई जरूरतमंद जिनकी कई जरूरतों को उन्होंने पूरा किया। उनका कहना है कि हमारे लिए तो एक जीता जागता देव पुरुष इस धरती से चला गया । सिंह के निधन पर शोक प्रकट करते हुए सरदार वल्लभभाई पटेल संस्था के अध्यक्ष व अपना दल के महाराष्ट्र प्रदेश प्रभारी महेंद्र वर्मा ने कहा कि मानव सेवा के क्षेत्र में उनका कोई सानी नहीं था। युवा समाज सेवकों ने उनका अनुसरण करना चाहिए। आर्य समाज नेरुल के अध्यक्ष टी.आर. बांगिया ने सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह एक असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे।उनका जीवन दर्शन आज युवाओं के लिए सदैव प्रेरणादायक रहेगा। जनकल्याण सामाजिक संस्था के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने श्री सिंह को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह सदैव हमारे प्रेरणा स्रोत थे और रहेंगे। उत्तर भारतीय नेता वह फिल्म अभिनेता एस.सी. मिश्रा ने अपने गुरुवर्य श्री सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मुझे बड़ा ही गर्व है कि मैं ऐसे महामानव का शिष्य रहा जिसने जिंदगी भर असंख्य असहाय लोगों के आंसू पहुंचने का कार्य किया। न्यू मुंबई पंजाबी एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जे.बी. बिंद्रा ने सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि शायद उन्होंने इसीलिए एक मसीहा के रूप में इस धरती पर जन्म लिया था कि दूसरों का दुख- दर्द बांट सकें। उल्लेखनीय है कि सिंह अपने सेवाभावी कार्यों की वजह से नवी मुंबई ही नहीं बल्कि मुंबई के कई समाजसेवी संस्थाओं से जुड़े हुए थे। जिसमें पाराप्लोजिक फाऊंडेशन, साइन(अपंगों की मददगार संस्था ),हरिओम चैरिटेबल एसोसिएशन, मुंबई (कैंसर पीड़ितों की मददगार संस्था), पंजाबी सेवा समिति, जीटीबी नगर, मुंबई( निराधार महिला व बच्चों की आश्रय दाता ),भारत सेवाश्रम, नवी मुंबई( कैंसर पीड़ितों की मदद गार संस्था) का समावेश है। इन संस्थाओं के माध्यम से श्री सिंह ने अनगिनत लोगों के दुखों को कम करने का प्रयास किया। इसके अलावा श्री सिंह न्यू बॉम्बे पंजाबी एसोसिएशन, नवी मुंबई के अध्यक्ष तथा सीनियर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन, नवी मुंबई के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं। श्री सिंह का कहना था कि समाज सेवा करते हुए मुझे एक रूहानी ख़ुशी का एहसास होता है। उनका कहना था कि यही एक कर्म है जो आपके दुनिया से जाने के बाद याद रह जाएगा। वह युवा समाज सेवकों को यही पंक्ति दोहराते हुए संदेश देते थे कि "जो असल में ऊंचे लोग हैं वह हमेशा झुककर मिलते हैं, जिस तरह एक सुराही सिर झुका कर पैमाना भरती है"। स्वर्गीय श्री सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए वाशी सेक्टर-९ स्थित गुरुद्वारे में आगामी रविवार ७ अगस्त को दोपहर 12 से 1:00 बजे तक शोक सभा का आयोजन किया गया है। ऐसी जानकारी श्री सिंह के परिवार जनों ने दी है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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