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दिलदारनगर : (गाजीपुर ) मोहम्मदपुर गांव में हुए निर्मम हत्या के बाद पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश सचिव अहमद शमसाद ने घटना के बाबत परिवारजनों से जानकारी ली। परिवार को ढांढस बंधाते हुए पुलिस से आरोपियों के जल्द गिरफ्तारी की मांग।
जमानिया कोतवाली क्षेत्र के मोहम्मदपुर गांव निवासी बदरे आलम खान 45 वर्ष पुत्र मोहम्मद मोबीन खान की दिलदार नगर थाना क्षेत्र के फूली ग्राम पंचायत अंतर्गत शेरपुर मुसहर बस्ती के पूरब गेहूं की खेत में धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी गई। घटना के बाद से ही परिवार सहित गांव में भाई का माहौल बना हुआ है वहीं मृतक की पत्नी वह बच्चों का रो रो कर बुरा हाल है।शुक्रवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश सचिव अहमद शमशाद ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और पुलिस को जल्द से जल्द सभी आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए मांग की। कहाकि बदरे आलम की हुई इस निर्मम हत्या से पूरे गांव सहित क्षेत्र में भय का माहौल व्याप्त हो गया है। हमलावरों ने किसी रंजिश के तहत है इस निर्मम और दिल दहला देने वाले घटना को अंजाम दिया है। चेताया कि अगर पुलिस जल्द पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं की तो हम कांग्रेसजन प्रदर्शन को बाध्य होंगे।
बिना चांद कैसे मनाए ईद:-
ईद पर्व को लेकर जहां मुस्लिम बंधुओं में तैयारियां जोर शोर से हो रही हैं वहीं अपने पति की मौत के बाद मृतक की पत्नी तमन्ना ने बताया कि बिना चांद ईद कैसे मनाए। मेरा पति ही मेरे लिए चांद था। कहाकि हत्यारोपी पूर्व प्रधान कई अवैध कारोबार में भी संलिप्तता है। उसके दरवाजे पर लगाया गया सीसीटीवी कैमरा भी घटना से पूर्व ही योजनाबद्ध तरीके से क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। ग्राम सभा के तालाब को लेकर विगत कई सालों से रंजिश चल रही थी।
ग्रामीणों में है चर्चा:
घटना के बाद पूरे गांव में जैसे मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों के बीच चर्चाओं का बाजार रुकने का नाम नहीं ले रहा है वहीं ग्रामीणों में आ सकता है कि बदरे आलम प्रधान प्रत्याशी के तौर पर भी देखे जा रहे थे। अपनी बुलेट बाइक के साथ वह दबंग अंदाज में गांव के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनके सुख-दुख में अपनी भागीदारी निभा रहे थे जिससे वो खुला है विपक्षीयों ने संभवत: घटना को अंजाम दिया होगा।
पुलिस अगर चेती होती तो नहीं होती यह हत्या:-
मृतक के भाई व फौजी मोहम्मद अफसर खान ने बताया कि कई बार रंजीत जी कारण कई छोटी मोटी बात हुई है जिसको लेकर पुलिस को तहरीर देते हुए घटना को लेकर आशंका व्यक्त किया गया था लेकिन कई माह पूर्व तहरीर देने के बावजूद पुलिस निष्क्रिय बनी रहे अगर पुलिस समय रहते तहरीर पर कार्रवाई की होती तो शायद यह हत्या होने से बच जाता।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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