मुंबई में जन्म :पूर्वांचल में कर्मभूमि बनाने वाले, फादर पाल अमीन को वाराणसी में किया गया सपुर्द ए खाक

By: Khabre Aaj Bhi
Mar 26, 2021
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किसी कवि ने क्या खूब कहा है" हम छोड़ चले हैं महफिल को "जब याद आए तो मत रोना 


By.जावेद बिन अली 

उत्तर प्रदेश वाराणसी : लगता है ऐसे ही लोगों के लिए किसी कवि ने इन पंक्तियों को कहा था lरिवर्स फादर पाल अमीन का जन्म १ जनवरी १९५० को मुंबई के एक करीब के गांव मुस्लिम परिवार में हुआ था।  कुआं में गिर जाने के बाद भी जान बच गई थी और अल्लाह को कुछ और खिदमत कराना मंजूर था । शायद इसलिए ईसाई धर्म कबूल करके ग्रेजुएशन की शिक्षा प्राप्ति के साथ-साथ ईसाई धर्म गुरु की शिक्षा प्राप्त किया । 


पिता का नाम अब्दुल रहमान और मां का नाम मरियम, बुनियादी शिक्षा में अरबी कुरान की जानकारी के बावजूद घर छोड़कर अपना कर्म भूमि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में आकर ,गोरखपुर के कप्तानगंज में जॉन बियानी कनाडियन मूलनिवासी ने उनकी जिंदगी को ऐसा बदल दिया और वही पर फादर की उपाधि प्राप्त करने के बाद अपने मिशन में लग गए! फादर पाल अमीन ने अपना सफर बलिया जनपद के रसड़ा; जनपद गाजीपुर के कासिमाबाद ब्लाक के पर्जीपार भावरकोल ब्लॉक के रसूलपुर और जनपद गाजीपुर के मुख्यालय के बाद आखिरी सफर वाराणसी तक पहुंचा । जहां जहां रहे गरीब बच्चों के पिता बन गए ।

आज २५ मार्च को सैकड़ों की संख्या में बच्चे और बच्चियों को बिलखते देखा गया । क्योंकि रिवर्स फादर पाल अमीन २४ मार्च २०२१ को सेंट मैरी हॉस्पिटल वाराणसी में आखरी सांस लेकर लेकर परलोक की दुनिया में चले गए थे। जनपद गाजीपुर मैं मुझे उनके साथ रहने का अवसर प्राप्त हुआ था और जब भी मिला उन्होंने इन गरीब यतीम बच्चों को अपना बच्चा कहा करते तो मैं परेशान होता था और पूछ नहीं पाता था लेकिन आज मुझे समझ में आया । 


आज रिवर्स फादर पालम अमीन को वाराणसी मंडल के बिशप यूजीन के प्रार्थना के साथ बिशप कब्रिस्तान में पूर्वांचल के तमाम धर्म गुरुओं की उपस्थिति में उनको सुपुर्द ए खाक किया गया इस अवसर पर हजारों की संख्या में जनता सामील रही । इस अवसर पर मुख्य रूप से फादर जूलियन ,फादर मथ्यू कयानी ,फादर विजय शांति राज ,फादर जॉन मशीह ,फादर्स सिंघौल ,फादर जय रतन ,फादर डॉल्फिन ,फादर प्रेम ,फादर कृष्ठ नंद, फादर सूप संजीव ,फादर सी थॉमस ,फादर लुइस ब्रिटिश, फादर पी विक्टर ,फादर डी पिक्चर मुख्य रूप से उपस्थित थे !


वाराणसी मंडल के बिशप यूजीन अपने विशेष भेंटवार्ता में बताया कि फादर पाल अमीन एक नेक दिल और मिलनसार इंसान थे ।  उनके अंदर शिक्षा देने की शक्ति कूट-कूट तक भरी हुई थी । मुझे हिंदी सिखाने में उनका भरपूर योगदान था । अच्छे धर्मगुरु के साथ-साथ एक अच्छे कवि भी थे। एक साथ दो खूबियों के मालिक थे जिसे भुलाया नहीं जा सकता है । 


मोहम्दाबाद तहसील अंतर्गत ग्राम मुरकी खुर्द में स्थित शम्स स्कूल के प्रांगण में भी आज श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों एवं अध्यापकों द्वारा उनकी विशेषता पर चर्चा की गई क्योंकि उनका इस विद्यालय में भी हमेशा आना-जाना रहता था। प्रिंसिपल राजदा खातून ने बताया कि जिस तरह बच्चों की शिक्षा पर जोर दिया करते थे और ऐसे समझाते थे हर बच्चा उनकी बात मानने को तैयार हो जाता था। 


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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