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By : जावेद बिन अली
गाजीपुर : जनपद गाजीपुर मुख्यालय से लगभग ३५ किलोमीटर दूर बाराचवर विकास खण्ड अन्तर्गत पिहुली गांव निवासी डा०अनिल कुमार एमडी साइकेट्री परामर्श दाता माइंड एवं ब्रेन क्लिनिक लखनऊ भूतपूर्वसीनियर रेजिडेन्ट केजीएमउ लखनऊ ने विश्व एड्स दिवस पर खास बातचीत के दौरान बताया कि एड्स एक खतरनाक बिमारी है जो एच आई बी नामक वायरस से फैलती है।
उसने बताया कि यह वायरस मुख्यतः सक्रमित ब्यक्ति से असुरछित यौन संबंध बनाने से होती है तथा सक्रमित खून चढ़ाने से सक्रमित खून के इस्तेमाल से तथा सक्रमित मां से गर्भावस्था से जन्म के दौरान दूध पिलाने के दौरान फैलता है।दूसरी तरफ यह एक दूसरे को छुने से तथा साथ में खाना-खाने से कपड़ो के आदान प्रदान से गले लगाने से छीकने-खांसने से तथा मच्छर के काटने से नहीं फैलता है।
डॉक्टर साहब ने यह भी बताया कि एचआईबी एड्स और मानसिक बिमारियो का गहरा सम्बन्ध है। कुछ मानसिक बिमारियो जैसे अवसाद, उन्माद तथा नसा विकार मे व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो जाती है । व्यक्ति आवेश में कार्य करने लगता है तथा वह खतरनाक व्यवहारों जैसे असुरक्षित यौन संबंध बनाना, सक्रमित सुई का इस्तेमाल करने मे लिप्त हो जाता है। वही दूसरी ओर एचआईबी संक्रमित व्यक्ति से विभिन्न स्नायु तंत्र विकार तथा मानसिक रोग जन्म ले सकते है।
उन्होंने इस बीमारी के लक्षण के बारे में बताया कि यादाश्त की कमी, शरीर का असमान्य रूप से हिलना,भ्रम की स्थिति(डिलिरियम), चिन्ता रोग,आबसेसिन कंमंल्सिव डिसऑर्डर एण्ड जस्टमेन्ट डिसऑर्डर, अवसाद (डिप्रेशन), मनोविकृत (साईकोशिश) तथा आत्म हत्या जैसी विकृति इन स्नायु तंत्र विकारों तथा मानसिक रोगो के मुख्य कारण है। वायरस का तंत्रिका कोशिकाओ नष्ट करना, लाईलाज बिमारी से सक्रमित होने का तनाव,ऐसे लोगो का सामाजिक बहिष्कार तथा उनसे अपेक्षा पूर्ण व्यवहार और मरने का डर लगता है। उन्होने यह भी बताया कि मानसिक रोगो का लक्षण दिखने पर सक्रमित व्यक्ति को मनोचिकित्सक के पास जाना चाहिए जिससे उसका समुचित ईलाज हो सके ।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि जब ग्रामीण क्षेत्रो से बच्चे डाक्टरी की पढाई करते है तो अपनी सेवा शहरो मे देते है आप की क्या सोच है? ऐसा कुछ नही है हम ग्रामीण परिवेश को भली-भाति समझते है एक छोटे से गांव मे पैदा हुए है । गांव और ईलाके के हर मरीज शहरो मे जाकर अपना ईलाज नही करा पाते है तो मेरी जिस दिन डाक्टरी की डिग्री फाईनल हुई । उसी दिन मैने ठान लिया कि मैं अपने गांव पिहुली मे एक दिन समय जरूर दूंगा। पन्द्रह दिन पर सो सेवा भाव से करता हूं। शनिवार के दिन मै पूरा समय अपने गांव पिहूली मे बैठता हूं तथा गांव सहित ईलाके के मरीजो का ईलाज करता हूं तथा एक दिन बलिया जिला मुख्यालय पर महिला हास्पीटल के पास रविवार के दिन बैठता हूं। मै अपना मोबाईल नंबर हमेशा मरीजो की सेवा मे बंद नही करता हूं। मरीज मेरे न० 9935260387 पर भी बात कर अपने रोग के समाधान के बारे मे बात कर सकते है। मैं हमेशा जनपद के लोगों के लिए तैयार रहूंगाl
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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