शाकिर अन्सारी के मामले में पकड़ा तूल , शाकिर अन्सारी पर फर्जी मुकदमा करने पर निंदा किया शाकिर अन्सारी को सही न्याय नही मिला तो भारतीय मीडिया फाउंडेशन जम कर करेगी आन्दोलन
उत्तर प्रदेश : आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश में अब पत्रकार सुरक्षित नही है। पत्रकारों पर आये दिन हमला हो रहे है। पत्रकारो पर फर्जी मुकदमे किये जा रहे है। पत्रकारों को परेशान किया जा रहा है। उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने इस पर निंदा की और कहा कि प्रशासन पत्रकारों को प्रताड़ित करना बन्द करे, पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा करना बंद करे, पत्रकारों का शोषण करना बन्द करे, हमारे चौथे स्तम्भ पर अत्याचार करना बन्द करे, अन्यथा भारतीय मीडिया फाउंडेशन इस विषय पर कड़ाई से निपटेगा एके बिंदुसार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे पर जांच की मांग की है। भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने कहा कि ताजा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद चन्दौली का है यहाँ पत्रकार शाकिर अन्सारी ने एक कोटेदार का पर्दा फाश किया तो कोटेदार ने फर्जी मुकदमा कराने की धमकी देने लगा, इस पर पत्रकार शाकिर अन्सारी ने सभी आलाधिकारी को सूचित किया उसके बाद भी अधिकारी मौन बने रहे है। लगभग दो महीने बाद फर्जी मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया। जो निंदनीय है। कोटेदार ने फर्जी मामला बनाकर अनेक अधिकारियो को प्रार्थना पत्र पोस्ट के माध्यम से भेज दिया कोटेदार को मारा व पीटा गया है। जब उस प्रार्थना पत्र पर मुग़लसराय थाने की पुलिस ने जांच किया तो मामला असत्य व निराधार पाया गया। उसके बाद भी लगभग दो महीने बाद किसी के दबाव में मुकदमा दर्ज कर दिया गया। जो कि पत्रकार उस समय व उस दिनांक पर उस स्थान पर नही था।जो कोटेदार ने मारपीट की घटना में दिखाया है। अब बात आती है सच्चाई की जब पत्रकार शाक़िर अन्सारी उस समय घटना स्थल पर नही था तो प्रशासन मुकदमा कैसे दर्ज कर ली, या प्रशासन आँख बंद कर के अपना कार्य कर रही है, या जान कर भी अंजान बन रही है, आखिर पत्रकारों पर इतना जुल्म क्यो ? कोटेदार कर रहे मनमानी, शासन की मंशा पर फेर रहे पानी ।
शिकायत दर्ज कराने पर,पत्रकार पर कर रहे फर्जी एफआईआर
अधिकारी मौन, नहीं हो रही कोई कार्रवाई जहां केंद्र व राज्य सरकार की मंशा है कि देश का कोई भी नागरिक भूखा न रहे वहीं उसके विपरीत स्थानीय कोटेदार शासन के आदेश को धता बताते हुए खुलेआम लाभार्थियों को सरकार द्वारा प्रदत्त राशन को मनमाने ढंग से काटकर वितरित करने का मामला सामने आया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दुलहीपुर स्थित महाबलपुर के एक कोटेदार द्वारा कार्डधारकों से मिली शिकायत पर एक स्थानीय पत्रकार के विडियोग्राफी करने व इस विषय पर पूछताछ करने पर कोटेदार द्वारा पत्रकार से बदसलूकी की और उसपर अनर्गल आरोप लगाते हुए देख लेने की धमकी देने लगा। जिसकी शिकायत पत्रकार द्वारा उच्चाधिकारियों से की गई। जिससे कोटेदार बौखला गया और उसने पत्रकार पर एसटी-एससी एक्ट के तहत मुकदमा करने का प्रार्थना पत्र संबंधित पुलिस प्रशासन को दिया है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन की टीम लगी जांच में चार्ज के दौरान कई तथ्य सामने आ रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार दबंग है जिसका उच्च स्तरीय जांच कराया जाना अति आवश्यक है कोटेदार का संबंध कांग्रेस के किसी केंद्रीय राजनेता से है और उनका इस मामले पर प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव है।
शासन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि निष्पक्ष जांच हो
मामला यहीं तक नहीं है संबंधित अधिकारियों से मिलीभगत कर खुद कोटेदार द्वारा अपना अंत्योदय राशन कार्ड बनवा लिया है। यही नहीं प्रधान, प्रधान के रिश्तेदार व पक्के घरों के मालिकों द्वारा भी लाल कार्ड बनवाकर समाज के अंतिम व्यक्ति तक राशन पहुंचने वाले सरकारी मंशा पर कुठारा घात किया जा रहा है, जो निंदनीय है । स्थानीय नागरिकों की मांग है कि कोटेदार की जल्द से जल्द जांच कराया जाय और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई के साथ ही कोटेदार का लाइसेंस निरस्त किया जाए। एके बिंदुसार ने कहा है कि अगर जल्द से जल्द प्रशासन शाकिर अन्सारी पर लगाए गए मुकदमा को वापस नही लेती है तो भारतीय मीडिया फाउंडेशन आंदोलन करेगी, क्योकि प्रशासन का कार्य है निष्पक्ष कार्य करने की बेगुनाहों को सजा देने का अधिकार नही शाकिर अन्सारी के मामले में निष्पक्ष जांच हो, और उक्त कोटेदार के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाई हो,।