अनाथ यतीम असहाय बेटियों की शादी में बढ़ चढ़कर सहयोग करती.... शबा खान

By: Shakir Ansari
Oct 26, 2023
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चंदौली : संस्था आत्मरक्षा पर काम करती आई शिक्षा सुरक्षा पर जहां लगातार वही बहुत सारी ऐसी मदद है जो जाहिर नहीं करती ताकि किसी गरीब के दिल को तकलीफ न हो शबा खान अब तक 13 शादियों में बढ़कर सहयोग किया है जिसमें आठ हिंदू और पांच मुस्लिम शादी मुकम्मल हुई हैं। पर इसका जिक्र कहीं नहीं करती इसलिए कहीं ना कहीं इंसानियत जिंदा है। शबा खान आज भी नहीं चाहती की बेटी के मां-बाप शर्मिंदा हो, बेटी को कल ससुराल वाले ताना मारे कि तुम्हारे मां-बाप ने मांग कर शादी की है,जिससे मां बाप लाचार महसूस करें. शबा खान ने कहा की हमारी संस्थान लड़कियों की हमेशा सहयोग कर मदद किया है। शादियों में जिनके पिता नहीं रहे,जो सच में जरूरतमंद रहे यह मां-बाप बहुत लाचार मजबूर,एक गरीब के पास बेटी होना बहुत बड़ा जुर्म हो गया है आज के समाज में गरीब होकर भी गरीब की बेटी नहीं उठाता है। ये बहुत अफसोस की बात हो गई है।  इंसानियत की बातें सब करते हैं पर किसी गरीब की बेटी को ब्याह कर  इंसानियत नहीं दिखाते, बहुत सी लड़कियों की तो उम्र निकल जाती है इसलिए कि वह दहेज नहीं इकट्ठा कर पाते बेटी की रुखसत के लिए समान नहीं जुटा पाते, बहुत से लोग तो ऐसे भी हैं जो मदद को सिर्फ बोलते हैं पर आते नहीं आगे, जहां तक मेरा मानना है बूंद बूंद से समुद्र होता है गरीब की बेटी के लिए थोड़ा-थोड़ा सहयोग सबको करना चाहिए  सबसे अच्छा अमल है नेकी का यतीम अनाथ बेटी के सर पर हाथ रखना कई हज से बड़ा सवाब है। यहां लोग दिखावे की जिंदगी ज्यादा जी रहे हैं,जहां उनका दिखावा करना वहां लाखों खर्च कर रहे हैं पर जहां उनको असल नेक मिलेगी वहां वह  बचाते हैं। और कुछ ऐसे भी हैं जो नेकी के लिए आगे आते हैं खामोशी से उनके सहयोग से इस काम को करने की और हिम्मत मिलती है संस्था जाति मतभेद को नहीं मानती इंसान है इंसान की जरूरत इंसानियत को मानती है यही वजह है अब तक कई हिंदू शादियों में भी सहयोग कर चुकी है संस्था के लिए सिर्फ जरूरतमंद होना ही काफी है। इस 25  अक्टूबर नौबतपुर चंदौली  जहांना बानो बेटी की शादी में सहयोग किया गया। कोशिश आगे भी है की यतीम  और अनाथ बेटियों की लिए ज्यादा से ज्यादा मदद की जा सके उनकी भी डोली उठ सके एक मां-बाप का बोझ हल्का हो अल्लाह ने सबको जरिया बनाया है अगर आप किसी का जरिया बनते हैं तो अल्लाह बहुत खुश होता है तमाम जरूरतमंदों की मदद संस्था लगातार करती है पर वह दिखाना पसंद नहीं करती हिम्मत नहीं होती कि जरूरतमंद की मदद कर उसकी फोटो ली जाए उसकी शर्माती झुकी नजरे  खुद को शर्मिंदा कर देती है और छोटा  होने पर मजबूर कर देती है।जो कुछ भी करती हूं दिल की खुशी से करती हूं क्रेडिट पाने के लिए नहीं आज इसलिए बता रही हूं ताकि आप लोग भी आगे आए और हिस्सा ले इस नेक काम में ताकि मेरी हिम्मत बनी रहे। शबा खान समाजसेवी।


Shakir Ansari

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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