To view this video please enable JavaScript, and consider upgrading to a web browser that supports HTML5 video
आगा नजफ अली के इमामबाड़े में इमाम चौक पर रखा गया, अकादतमंदों का उमड़ा सैलाब
चंदौली। मोहर्रम की 9 तारीख को चंदौली जनपदके दुलहीपुर गांव में रात भर सदा ए या हुसैन गूंजती रही। देर रात आगा नजफ अली के इमामबाड़े में 150 साल पुराना बड़ा ताजिया इमाम चौक पर बैठाया गया।
इस दौरान सैकड़ों जायरीन मौजूद रहे जिन्होंने कदीमी बड़े ताजिया की जियारत की। यौमे आशूरा पर यह ताजिया करबला जाकर ठंडा होगा।
150 साल पुराना है बड़ा ताजिया
मुगलसराय थानाक्षेत्र में पड़ने वाली शिया बस्ती दुलहीपुर में 150 साल पुराना बड़ा ताजिया उठाया गया। साल 1874 से यह ताजिया अनवरत उठाया जाता है । आगा नजफ अली के इमामबाड़े से यह ताजिया उठाया जाता है ।
सागवान से बना है तीन क्विंटल का ताजिया
अंजुमन सज्जादिया असगरिया के सेक्रेटरी यासिर हैदर जाफरी ने बताया कि यह ताजिया सागवान से बना है और इसका वजन 3 कुंतल है। इसे उठाने में 16 लोग मुख्य रूप
से और कुल 60 लोग उठाते हैं ।
कपड़े और फूल से होती है सजावट, नही लगता कागज
समाजसेवी राहिब जाफरी ने बताया कि यह जुलूस अंजुमन हैदरी को देखरेख में उठता है । जिसमें जाफर मेंहदी एडवोकेट, काशिफ जाफरी, अहमद अब्बास, अजहर हुसैन, दबीर जाफरी और ईरानी भाइयों का योगदान रहता है। यह अनोखा ताजिया है जिसमें एक टुकड़ा भी कागज का नहीं इस्तेमाल होता है। इसमें कपड़े और फूल से सजावट को जाती है।
मस्जिद से उठकर इमाम चौक पर बैठाया गया ताजिया
हर बार की तरह रात 11 बजे उठाया गया। इमामबाड़े की मस्जिद से उठकर ताजिया इमाम चौक पर रखा गया जहां रात भर जायरीनों का आने का सिलसिला जारी रहा। इसमें हिंदू जायरीनों की तादात ज्यादा रही।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
0 followers
0 Subscribers