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By : सुरेन्द्र सरोज
नवी मुंबई : रविवार को हुई पत्रकार परिषद में कथाकार एंव लेखक केशव दुबे की "प्रेमपत्र" कथा पर आधारित लघुपट प्रदर्शित किया। अपने देश में भारतीय सिनेमा की दशा और दिशा भूमंडलीकरन के पश्चात् तथा संचार क्रांति के उदभव से एक नए पर्याय को प्राप्त हो रही है। मौजूदा समय में मनोरंजन के क्षेत्र में OTT चैनल विशेष भूमिका निभाते है। कला के क्षेत्र में यह एक महत्त्वतपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। विशेषकर इस समय पाठकों की संख्या में अभूतपूर्व कमी के साथ ही दर्शको की संख्या में अत्यधिक उत्तरोत्तर प्रगति देखी जा रही है, विगत दिनों में वो एक ऐसा समय था, जब हमारे देश में साहित्यिक पत्रिकाओं का बोलबाला था, जिनमें मुख्यतः नवनीत, धर्मयुग ,कादंबिनी, सरिता, साप्ताहिक हिंदुस्तान एवं कालांतर में राजनैतिक पत्रिका इंडिया टुडे जिनके कुछ पृष्ठ साहित्य की रचना हेतु समर्पित होते थे , अमूमन प्रत्येक शिक्षित भारतीय द्वारा पढ़े एवं सराहें जाते थे।अपने समकालीन साहित्यकारों के बीच पिछले पाँच दशकों से हिंदी के सुपरिचित साहित्यिक हस्ताक्षर केशव दुबे एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। उनके कहानी संकलन 'अच्छे दिन ' पुस्तक से ली हुई कथा 'प्रेम-पत्र 'मानवीय संवेदना की अनुपम प्रस्तुति हैं, जिसमें से पीढियों की मर्मिक मानवीय संवेदनाओ एवं अनुभूति की एक कलात्मक प्रस्तुति हैं। फिल्म में वार्डन की भूमिका में कीर्ति मेहरा एवं छात्रा की भूमिका में पूर्वा का अभिनय सराहनीय हैं। साथ ही स्वाती विश्वजीत मुखर्जी द्वारा बनाए गए फिल्म की पटकथा एवं काव्य का समायोजन बख़ूबी किया गया हैं। इन दिनों जब व्यवसायिक एवं कलात्मक फिल्मों के बीच का अंतर कम होता जा रहा हैं। ऐसे में दर्शकों की एक अच्छे कथानक पर बनी शार्ट फिल्म की माँग शायद प्रेम-पत्र के द्वारा पूरी होती दिखती हैं। जैसा कि स्वाती मुखर्जी से ज्ञात हुआ, शीघ्र ही इस तरह की कुछ और फिल्मों की शृंखला निकट भविष्य में निर्मित करेंगे। फातिमा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी इस फिल्म का सभी को बेसब्री से इंतजार था। लेखक केशव दुबे इनकी बेटी स्वाती मुखर्जी, डा.विश्वजित मुखर्जी, फिरोज शेख, कलाकार कीर्ति मेहरा, पुर्वा और लघुपटसे जुडे अन्य मान्यगण मौजूद थे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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