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पूर्वजों और परम्पराओं की विरासत में एक ही हैं हिन्दू और मुसलमान,
मुसलमान अपने पूर्वजों की विरासत को संभाले
खून, खानदान और पूर्वजों से एक है तो नफरत कैसा
हिन्दू और मुसलमान जातियों से भी एक है तो रिश्ता टूटा कैसे
जो अपनी मातृभूमि से अलग हुए, उनकी दुर्गति देख लो
संबंधों की वकालत कर देश को जोड़ना ही मकसद
खून बहाने से नहीं खून देने से बचेगा रिश्ता
गाजीपुर : टूटे हुए दिलों को फिर से जोड़ने आए हैं, सब अपने ही हैं, यही बोलने आये हैं। गाजीपुर में मुसलमानों की जुटी भीड़ किसी दल के कार्यक्रम में नहीं आई थी और न ही कुछ मांगने आयी थी। भीड़ में शामिल चेहरों को तो बस अपने रिश्तों की तलाश थी। रिश्ते कहां छूट गए, अपने कैसे बिछुड़ गए, बस यही तलाश करनी थी।
विशाल भारत संस्थान के अशफाक उल्ला खाँ शिक्षा इकाई ने गाजीपुर के आशीर्वाद लॉन में “पूर्वजों और परम्पराओं की सांस्कृतिक विरासत” विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी सांस्कृतिक पुनर्जागरण के सूत्रधार हैं, जो वैश्विक स्तर पर भारत की संस्कृति के माध्यम से लोगों को जोड़ रहे हैं। जब रौजा पर पहुंचे तो युवा परिषद के कार्यकर्त्ताओं ने मोटर साइकिल से अगवानी की। डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने सभागार में पहुंचकर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस एवं क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खाँ के चित्र पर माल्यार्पण किया एवं दीपोज्वलन करके राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में अशफाक उल्ला खाँ शिक्षा इकाई के सदस्यों का सम्मान मुख्य अतिथि श्रीगुरुजी ने अंगवस्त्रम देकर किया।
संगोष्ठी में अपना विचार व्यक्त करते हुए हिन्दू मुस्लिम संवाद केन्द्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुंअर मुहम्मद नसीम रजा सिकरवार ने कहा कि हम जब भी अपने पूर्वजों की तलाश करेंगे तो एक ही खानदान के निकल जाएंगे। हमारे पूर्वज कुंअर नवल सिंह ही दीनदार खाँ हुए और उन्होंने दिलदार नगर बसाया। जब यह बात अन्य लोगों को पता चली तो देशभर में मेरे रिश्तेदार भी मिलने लगे। भारत में रहने वाले सभी एक दूसरे से जुड़े हैं, बस पीछे जाकर अपने पूर्वजों को खोजने की जरूरत है।
विशाल भारत संस्थान के प्रदेश प्रभारी नौशाद दूबे ने कहा कि हम ब्राह्मण हैं, वो हजारों सालों से हैं, हम न अपनी जाति बदल सकते हैं और न गोत्र। हम मुगलों, तुर्कों, अरबों की उधार की टाइटल न लगाएंगे और न उनके देश की संस्कृति को मानेंगे। हमारे पूर्वजों की विरासत यही की है, तो यही की संस्कृति और संस्कार भी होगा।
मुख्य अतिथि विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांस्कृतिक पुनर्जागरण के सूत्रधार डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि पूर्वजों और परम्पराओं की विरासत में एक ही हैं हिन्दू और मुसलमान। हिन्दू और मुसलमान जातियों से भी एक ही हैं। जब खून, खानदान, जमीन, जल पूर्वजों से ही मिला है, तो सबका डीएनए एक ही है, तो रिश्ता टूटा कैसे, किसने खाई पैदा की। कौन था जो यह भ्रम पैदा कर दिया कि मुसलमानों की जड़े अरब या तुर्की में है ? अब तो इतने वर्षों तक नफरत करने वालों पर शोध की जरूरत है, सबको बताने की जरूरत है। जो रिश्ता टूट गया है या तोड़ दिया गया है, उसको पूर्वजों, परम्पराओं और खून के रिश्ते की याद दिलाकर जोड़ने आया हूँ। अब सबको अपने पूर्वजों के इतिहास को जानना जरूरी है, एक दूसरे के साथ बैठकर रिश्ता खोजना जरूरी है। जब हम अपने जातियों, गोत्र और रिश्तों में बंध जाएंगे तो हमें किसी नाम पर अलग नहीं किया जा सकता है।
श्रीगुरुजी ने कहा कि जो अपनी मातृभूमि और जड़ों से अलग हुए, आज भी दुनिया उसको स्वीकार नहीं की। आज किसी को कह दे कि पाकिस्तान चले जाओ तो बुरा मान जाता है। संबंधों की वकालत कर देश को जोड़ना ही मकसद है। अब तो तय कर लो खून बहाने से नहीं खून देने से रिश्ता बचेगा। कुछ काम सभी को मिलकर करना होगा, दुर्गापूजा की जिम्मेदारी मुसलमान ले और मुहर्रम का जुलूस हिन्दू निकलवाये। अपनी पहचान भारतीय बनाएं, बड़े गर्व से अपने संबंधों को बताएं कि अमुक व्यक्ति मेरे मामा हैं, वो मेरी मौसी हैं, तो संबंधों में धर्म को आड़े न आने दें। एक दूसरे के पूजा पद्धति, पूजा प्रतीकों का सम्मान करें। गलती से भी तुर्कों, अरबों, मंगोलों, ईरानियों और अफगानों की वकालत न करें और न ही उनके कुकृत्यों को सही ठहराए क्योंकि इन सभी विदेशी आक्रमणकारियों ने सबसे ज्यादा मुसलमानों के पूर्वजों का कत्लेआम किया है। धर्म की आड़ में किसी आतंकवादी का समर्थन न करें। देश के मामले में सभी मिलकर एक साथ बैठे और देश को जोड़ने की बात करें। शादी ब्याह और निमंत्रण पत्रों में सबका नाम शामिल करें।
विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव डॉ० अर्चना भारतवंशी ने कहा कि सुभाष भवन रिश्तों और भारतीय संस्कृति का श्रेष्ठ उदाहरण है। सभी जातियों और धर्मों के लोग एक साथ एक परिवार में रहकर दुनिया को संदेश दे रहे हैं कि संबंधों को निभाने में कोई संघर्ष नहीं है।
विषय प्रस्तावना रिसर्च सेंटर की निदेशक आभा भारतवंशी ने रखा। गाजीपुर के वेद प्रकाश श्रीवास्तव को हिन्दू मुस्लिम संवाद केन्द्र का उत्तर प्रदेश संयोजक मनोनीत किया गया।संचालन युवा परिषद के प्रदेश प्रमुख विवेकानन्द सिंह ने किया, धन्यवाद इकाई प्रमुख आफताब आलम ने दिया।कार्यक्रम में ज्ञान प्रकाश जी, शहाबुद्दीन तिवारी जोसेफ, नीलमणि सिंह, उदित गुप्ता, हकीक अहमद, हलाल अहमद, सलमान, साजिद हसन, वसीम अंसारी, अल्लामा इकबाल, इम्तियाज अहमद, सदरुद्दीन,
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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