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जनसमस्याओं को दरकिनार कर सरकार व प्रशासनिक अमला अलूल जलूल कार्यो में मस्त भारत समाचार चैनल व दैनिक भास्कर समूह के दफ्तर पर आईटी व ईडी की रेड निंदनीय
by : शिवप्रसाद अग्रहरि
जौनपुर : लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में सजग व सतर्क मीडिया जगत समाज को एक सही दिशा देने व खामियों को उजागर करने का कार्य करती रही है और यह उसका मूलभूत कार्य है। राष्ट्र और समाज के निर्माण में मीडिया चाहे वह प्रिंट मीडिया हो, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या सोशल मीडिया हो सब समान रूप से जनहित के मुद्दों को उठाकर सरकार, प्रशासन को जगाने व अवगत कराने का कार्य करते है। लेकिन कही-कही इनको भी सत्ताधारी दलों द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह का शिकार बनाया जाता है जो दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है।
उक्त बातें उत्तर प्रदेश किसान एवं खेत मजदूर कांग्रेस कमेटी के पूर्व वाराणसी मंडल महासचिव व युवासमाजसेवी शिवप्रसाद अग्रहरि ने सिकरारा क्षेत्र के गुलजारगंज बाजार में प्रेस से एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में सभी को अपनी बात रखने व कहने का नैतिक अधिकार है। उसे कोई भी सरकार व सत्ताधारी दल दबा नही सकती। दुर्भाग्य है कि आज संविधान द्वारा प्रदत्त मानवधिकार का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। सरकारें व प्रशासनिक अमला खामोश है। देश व प्रदेश में ऐसे न जाने कितने मामले थानों, तहसीलों व न्यायालयों में लंबित पड़े हैं जहाँ पर पीड़ितों को तारीखों पर तारीखे दी जाती है। सवाल है आखिर इस दुर्व्यवस्था के लिए जिम्मेदार कौन है ? क्या यह सत्ताधारी राजनीतिक दलों की नैतिक जिम्मेदारी नहीं है।
लेकिन नही वह आज सभी जरूरी कार्यो को भूलकर मीडिया के पीछे पड़ गए है। श्री अग्रहरि ने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में यह मानव मूल्यों का ह्रास नही तो क्या है। हिंदी दैनिक भास्कर समूह व भारत समाचार न्यूज़ चैनल के दफ्तर पर देश की एजेंसी आईटी व ईडी की छापेमारी आखिर क्यों ? कोरोना काल को लेकर समाचार दिखाने पर गलत क्या है। सरकार द्वारा संसद सत्र में कोरोना काल के दौरान कोरोना व ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों को नकारा जाना भी दुर्भाग्यपूर्ण व शर्मनाक है। देश की सरकारों को यह तय करना होगा कि मीडिया की स्वतंत्रता और खबरों को लेकर निष्पक्षता हर हाल में बरकरार रहे, साथ ही मीडिया पत्रकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होनी चाहिए।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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