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जौनपुर/मुख्यालय : जौनपुर मे राजकीय रेलवे पुलिस(GRP) नगर पालिका परिषद के सैदनपुर वार्ड के सभासद सपा नेता बाला लखंदर यादव हत्याकांड के राजफाश के लगभग काफी करीब पहुंच चुकी है। अन्देसा हैं कि पुलिस ने उन्हें चिह्नित कर लिया है जो बाला लखंदर के बारे में पल-पल की सूचना शूटरों को देते रहे है। ऐसे तथ्य मिले हैं कि शूटर मुंबई से आए थे और टारगेट बाला को अंजाम देने के बाद वहीं लौट गए। एक-दो आरोपित अगर हाथ आ गए तो अगले तीन दिनों में जीआरपी उन्हें मीडिया के सामने पेश कर पूरी साजिश का खुलासा कर दोसीयो को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा सकती है ।
एसपी जीआरपी इलाहाबाद डा बृजेश कुमार सिंह की मानीटरिग में विभिन्न जिलों में तैनात एक दर्जन से अधिक तेजतर्रार इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर इस सनसनीखेज व दुस्साहसिक वारदात को चुनौती के रूप में लेते हुए उसके खुलासे के लिये दिन-रात एक किए हुए हैं। बाला लखंदर यादव के भाई जितेंद्र यादव ने भले ही हत्याकांड को भूमि विवाद से जोड़ते हुए मड़ियाहूं के ब्लाक प्रमुख लाल प्रताप यादव, सैदनपुर निवासी सुनील यादव व बक्शा थाना के कोहड़े गांव निवासी राकेश यादव व कुछ अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया हो, लेकिन छानबीन में जुटी जीआरपी की टीमें गंवई राजनीति में पूर्व में हुई हत्याओं को भी ध्यान में रख तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। शुक्रवार को वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन व बाबतपुर हवाई अड्डे पर घंटों सीसीटीवी कैमरे के फुटेज बारीकी से खंगालने के दौरान टारगेट-बाला में मुंबई कनेक्शन पर भी पैनी नजर है। जिसकी तरफ भी शक की सुई तनिक भी घूमती लग रही है, उनसे पूछताछ की जा रही है। शनिवार को जीआरपी जौनपुर जंक्शन थाना प्रभारी अरविद कुमार सिंह ने फिर लगभग एक दर्जन लोगों से गहन पूछताछ की। अब तक पुलिस को करीब डेढ़ दर्जन संदिग्धों से पूछताछ में कुछ अहम सुराग मिले हैं। बताते चले कि सैदनपुर निवासी बाला लखंदर यादव की पिछ्ले सोमवार की शाम करीब सवा आठ बजे सिटी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक के पश्चिमी छोर शहीद बाबा की मजार के पास गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी। रियाजुल
पांच साल पूर्व सैदनपुर में हुई थी दो की हत्या
दो मार्च २०१६ को ओम प्रकाश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के प्रतिशोध स्वरूप २२ दिन बाद २४ मार्च को ग्राम प्रधान शीला गुप्ता के पुत्र प्रेम गुप्ता की गांव में सरेआम पीटकर हत्या कर दी गई थी। इन दोनों वारदातों में बाला लखंदर यादव का नाम सीधे तो नहीं आया था, लेकिन दबी जुबान गाँव वाले उनकी भूमिका को लेकर तरह-तरह की अफवाहे उस वक़्त थी।रियाज़ुल
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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