नवी मुंबई मनपा कर्मियों का अमानवीय व्यवहार !

By: Khabre Aaj Bhi
Dec 27, 2020
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नवी मुंबई : कहते हैं कि अगर मानवता को परिभाषित करना हो तो वह सिर्फ मनुष्य ही कर सकता है।संसार के किसी भी दूसरे प्राणी में वह क्षमता नहीं है। मनुष्य के रूप में आप किसी क्षेत्र में कार्य कर रहे हों अगर आपके भीतर मानवता नहीं है तो वह निरीह पशु समान कहलाया जाता है।                                                                             कहने का तात्पर्य यह है कि मनुष्य योनि में जन्म लेने के बाद अगर आप किसी दूसरे मनुष्य के साथ अमानवीय तरीके का व्यवहार करें तो आपका जीवन सार्थक न होकर शायद निर्थरक कहलाया जायेगा।


वैसे तो रोजाना"कहीं न कहीं," "कभी न कभी"शर्मसार करने वाली अमानवीय घटनाएं होती रहती हैं परन्तु हाल में नवी मुंबई महानगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा किए गए इस अमानवीय कृत्य से जहां स्थानिय रहवासी अचंभित रह गए वहीं आस पास रहने वाले बुजुर्गो को भी काफी सदमा लगा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वाशी सेक्टर- ६ की मार्केट में हैदराबादी बिरयानी नामक दुकान चलाने वाले एक दुकानदार की दुकान में कुछ मनपा कर्मी पुलिसवालों के साथ घुस गए और तलाशी के बाद प्रशासन द्वारा बैन की गई कुछ प्लास्टिक की थैलियां जब्त कर ली। दुकानदार द्वारा अपनी सफाई देने के बाद भी मनपा कर्मी उसके साथ ऐसा व्यवहार करने लगे जैसे वह कोई गंभीर गुनाह का अपराधी हो।

दुकानदार के काफी समझाने के बाद भी मनपा कर्मियों ने उस पर ५ हजार का जुर्माना लगा दिया। दुकानदार के मुताबिक दरअसल उसने कागज की थैलियों का ऑडर दिया था परन्तु थैली सप्लाई करने वाले ने उसे कागज के बजाय प्लास्टिक की दो पैकेट थैली भेज दी। इधर मनपा कर्मी लगातार दुकानदार पर ५ हजार जुर्माना भरने पर दब्बाव बनाने लगे । सुबह - सुबह दुकान में धंधा न होने की वजह से दुकानदार पैसों का इंतजाम करने में भागदौड़ करने लगा। करीबन १ घंटा भागदौड़ के बाद उसने ५ हजार रूपयो का इंतजाम किया और मनपा कर्मियों से इसकी रसीद ली।

इस दौरान वहीं खड़े कई वरिष्ठ लोगों ने मनपा कर्मियों को समझाया कि सुबह- सुबह उसने दुकान खोली है इतनी जल्दी वह इतनी बड़ी रकम का इंतजाम कैसे करेगा परन्तु मनपा कर्मी बिल्कुल मानने को तैयार नहीं हुए मनपा कर्मियों के इस अमानवीय व्यवहार का तमाशा देख रहे एक वरिष्ठ समाज सेवक इंदर शर्मा ने बताया कि मनपा प्रशसान द्वारा लगाए बैन को लेकर इन कर्मियों द्वारा दंड वसूला जाना जायज है।

परन्तु किसी के साथ इतने बुरे व्यवहार के साथ पेश आना भी सरासर ग़लत है। मनपा कर्मी चाहे तो दंड वसूलने का कोई दूसरा रास्ता अख्तियार कर सकते थे।उन्होंने कहा कि एक तो लॉक डाउन की वजह से दुकानदारों का धंधा नहीं है,ऊपर से इस प्रकार से मनपा कर्मियों द्वारा परेशान करना कहां का न्याय है।


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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