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नवी मुंबई : राज्य सरकार द्वारा मुंबई व कोकण के समुंद्र से सटे मेंग्रोव सहित इस तटीय क्षेत्र को वन विभाग को सौंपने के आदेश के बाद भी अभी तक उनका हस्तांतरण न किए जाने से पर्यावरण प्रेमियों में भारी नाराज़गी फैली हुई है। ज्ञात हो कि पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए मैंग्रोव की अहम भूमिका रही है परन्तु कई वर्षों से इन तटीय क्षेत्रों में जहां भूमाफियों ने अपना कब्ज़ा जमा कर मैंग्रोव को नुकसान नुकसान पहुंचा रहे हैं वहीं पर्यावरण प्रेमी भी इसे आर - पार की लड़ाई लड़कर बचाने में लगे हुए हैं।
इस संदर्भ में नेटकनेक्ट फाउंडेशन के संचालक बी. एन.कुमार ने बताया कि पिछले महीने मुख्यमंत्री को संस्था के माध्यम से लिखे पत्र के बाद उन्होंने इन तटीय क्षेत्रों को वन विभाग को सोंपने का आदेश दिया था। परन्तु अभी तक इस पर कोई अमल नहीं किए जाने से मैंग्रोव को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। श्री कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पाटणकर को भी इस मामले में सख्त कार्रवाई किए जाने का आदेश दिया है परन्तु अभी तक इस मामले में कोई भी कदम नहीं उठाए जाने से पर्यावरण प्रेमी काफी नाराज हैं। उल्लेखनीय है कि मुंबई, नवी मुंबई, पनवेल, यूरण तथा कोंकण के समुद्र से सटे इन क्षेत्रों में भूमाफिया रोजाना कचरा व मिट्टी का भराव कर मैंग्रोव को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
पर्यावरण प्रेमियों का कहना हैं कि कई क्षेत्रों में तो यह मैंग्रोव पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। सरकार द्वारा इस बारे में सख्त कदम उठाकर इसे रोकने का प्रयास करना चाहिए। श्री कुमार ने बताया कि हालांकि सचिव द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा गठित पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन कमेटी को पत्र लिखा गया है कि इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करके उसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाए। परन्तु इस पर भी कोई कदम नहीं उठाए जाने से भरी रोष व्याप्त है
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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