योगी सरकार ने सब कुछ सही के बावजूद जनपद गाजीपुर के सर सैयद डॉ आजम सिद्दीकी का तीन मंजिला शम्मै हुसैनी हॉस्पिटल ध्वस्त कराया

By: Khabre Aaj Bhi
Oct 25, 2020
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५ सौ परिवार का घर उजड़ा हुये बेरोजगार 


उत्तर प्रदेश : लखनऊ भारत की जंगे आजादी या भारत पाक युद्ध मैं उत्तर प्रदेश का जनपद गाजीपुर को प्रथम स्थान प्राप्त है lलेकिन दुर्भाग्य है इस जनपद का विकास नहीं हुआ lगाजीपुर के इतिहास में पहले व्यक्ति डॉक्टर आजम सिद्दीकी जिसने वर्ष १९८४ में नंदगंज के पास यूनानी एवं आयुर्वेदिक अस्पताल और कॉलेज स्थापित करके जनपद का नाम रोशन किया था । और पूर्वांचल की कई स्कूल और कॉलेज के विकास में इनका सहयोग काफी सराहनीय रहा है l इसलिए उन्हें जनपद गाजीपुर का सर सैयद भी कहा जाता है लेकिन भारत में विगत दो दशक से जब भी चुनाव हो रहा हैl मुसलमान और पाकिस्तान के नाम पर चुनाव हो रहा हैl lऔर एक संदेश देने की कोशिश भारतीय जनता पार्टी कोशिश करती है कि भारत के हिंदुओं की रक्षक पार्टी हैl जबकि मुंह में राम राम बगल में छुरी वाली पार्टी कहा जाए तो बुरा नहीं होगा l

शम्मैं हुसैनी अस्पताल के ध्वस्त होने से ५ सौ भारतीय परिवार उजड़ गयाl जिसमें से ९५ % गैर मुस्लिमों कर्मचारी थेl भारतीय जनता पार्टी के पास मुख्तार अंसारी एक बड़े भूत की हैसियत है जिससे गरीबों को डराती हैl अधिकारी जनपद गाजीपुर में जब आते हैं तो उसे दंडात्मक कार्रवाई समझ कर आते हैंl मालूम नहीं क्या होगा? जॉइंट करने के बाद बताते हैं हमें काफी डराया गया था । जबकि यहां आकर व्यवहार उल्टा मिलता हैl

योगी सरकार द्वारा माफिया व भूमाफियाओं के खिलाफ लगातार डंडा चलाया जा रहा है। लेकिन सभी माफिया को मुख्तार अंसारी से जोड़कर सरकार द्वारा पेश करना आम नागरिकों को बुरा लग रहा है और यह सरकार के लिए बहुत घातक होगा l क्योंकि मुख्तार अंसारी परिवार का संबंध गरीबों के साथ अधिक है l

डॉ आजम सिद्दकी व डॉ साजिद सिद्दकी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने अवैध रूप से बना कह कर शम्मे हुसैनी अस्पताल व ट्रामा सेंटर को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जो किया है। इसका असर बिहार के चुनाव पर अधिक पड़ने वाला हैl काफी संख्या में मरीज यहां आते थे l जनपद के आम लोगों का कहना है कि अवैध रूप से बनाये गए शम्मे हुसैनी अस्पताल व ट्रामा सेंटर १ दिन में तो नहीं बनाया गया है lउस समय प्रशासन कहां थी ? एसडीएम की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बताया कि एनजीटी व मास्टर प्लान की अनदेखी कर अस्पताल व ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया गया है। तो क्या पूर्व अधिकारियों पर जिला प्रशासन और राज्य सरकार करवाई किया हैl अगर राज्य सरकार ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करती है तो यह कहां जाएगा सरकार को किसी विशेष समुदाय से नफरत है lसबका साथ सबका विकास का नारा बिल्कुल खोकला है l

इस संबंध में जब हॉस्पिटल के सदस्य डॉक्टर शादाब सिद्दीकी और डॉक्टर साजिद सिद्दीकी से संपर्क स्थापित किया गया तो उन्होंने बताया कि एनजीटी के अनुसार १०० मीटर की दूरी है । जबकि हमारा हॉस्पिटल तहसीलदार की रिपोर्ट के अनुसार २२३ मीटर पर स्थित है ।  इस हॉस्पिटल का निर्माण २००६ में प्रारंभ हुआ और ६ साल बनने में लगा ।अगर गलत निर्माण हो रहा था । उस समय जिला प्रशासन क्या कर रहा था? कोविड-१९ में जनपद का एल १ सेंट्रल बनाया गया था। जिसमें डेढ़ हजार लोगों को स्वास्थ्य लाभ दिलाया गया और अब तक इस हॉस्पिटल ने जनपद के १५ हज़ार क्रिटिकल मरीजों को स्वास्थ्य लाभ दिलाया है lमुझे अपनी चिंता नहीं इस हॉस्पिटल से जुड़े ५ सौ  परिवार का चिंता अधिक है । जनपद का पहला अस्पताल था । जहां तमाम सुविधाएं मौजूद थी । 

हाईकोर्ट ने डीएम की कोर्ट को मामले में सुनवाई करने का डायरेक्शन दिया था। जिसके बाद डीएम कोर्ट में मामले में ८ सदस्यीय टीम गठित कर जांच करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद एनजीटी, मास्टर प्लान, पीडब्ल्यूडी नगरपालिका, जिला पंचायत, जलनिगम समेत ८ विभागों ने डीएम की कोर्ट में अपनी अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। जिसपर सुनवाई करते हुए डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने मानक के विपरीत अस्पताल व ट्रामा सेंटर बनाये जाने पर ध्वस्तीकरण का निर्देश दे दीया लेकिन लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन के बिना अनुमति के इतना बड़ा हॉस्पिटल और कॉलेज की स्थापना कैसे हुई ?क्या जिला प्रशासन इसका जवाब देगा ?क्योंकि जिला प्रशासन के बिना अनुमति के हॉस्पिटल खोलने की अनुमति या पैरामेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति नहीं मिल सकती हैl सबसे दुखद बात तो यह है सरकार द्वारा घोषणा के बावजूद दो करोड़ नौकरी देने में नाकामी के बावजूद इन ५०० परिवार का कौन रक्षक बनेगा?


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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