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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की जांच कराने का आदेश दिया है। उन्होने कहा कि पूरे मामले की जांच करायी जायेगी, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी। एडीजी जेल चंद्रप्रकाश ने बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद कार्रवाई करते हुए बागपत जेल के जेलर, डिप्टी जेलर सहित चार लोगों को निलंबित कर दिया है। मुन्ना बजरंगी पहली बार जरायम की दुनिया में 1984 में आया जब उसने व्यापारी की हत्या कर लूट को अंजाम दिया था। इसके बाद 24 जनवरी 1996 को जौनपुर के ब्लाक प्रमुख कैलाश दूबे सहित तीन लोगों की हत्या कर दी थी। इसके बाद 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की मुहम्मदाबाद क्षेत्र के बसईनियां चट्टी पर हत्या कर दिया था। 29 अक्टूबर 2009 को दिल्ली पुलिस ने मुन्ना बजरंगी को मुंबई से गिरफ्तार किया था। मुन्ना बजरंगी के हत्याकांड पर तरह-तरह की प्रतिकिय्राएं आ रही हैं। कानून से जुडे हुए विद्वानों का कहना है कि मुन्ना बजरंगी कुख्यात अपराधी था लेकिन उसकी हत्या गोली मारकर जेल में नही होनी चाहिए थी। उसके अपराधों की सजा कानून के तहत मिलना चाहिए। जेल जैसे सुरक्षित जगह पर अपराधी की गोली मारकर हत्या कर दी जा रही है। इससे कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहा है। किन लोगों ने साजिश कर असलहा जेल में पहुंचाया जिससे इस हत्या को अंजाम दिया गया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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