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पुलिस प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल,परिजनों के बगैर ही कर दिया गया अंतिम संस्कार,उक्त घटना में चार आरोपी गिरफ्तार
यूपी के हाथरस जिले की इस हृदय विदारक घटना के बाद विपक्षी दल सरकार पर हुए हमलावर, चहुँओर हो रही निंदा, बॉलीबुड जगत ने भी जताया खेद, परिजनों के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने दिए सीबीआई जांच के आदेश
by : शिवप्रसाद अग्रहरि
जौनपुर : उत्तरप्रदेश में एक बार फिर मानवता शर्मसार हुई है।जिसका प्रमुख कारण है कानून की शिथिल व्यवस्था।कहा जाता है कि जिस देश या प्रदेश में कानून का राज होता है वहां की प्रजा सुख का अनुभव करती है।लेकिन जहां पर आए दिन हत्या, छिनैती,अपहरण,बलात्कार और चोरी जैसी घटनाएं आम बात हो गई हो तो समझो कि कानून का इकबाल उन अपराधियों के लिए बौना साबित पड़ रहा है और प्रजा अपने आप में असुरक्षित महसूस करने लगती है।यह उस प्रदेश की कहानी है जहाँ पर कानून व्यवस्था की धाक जमाये और रामराज की परिकल्पना संजोए योगीराज खुद विराजमान है।आज अपराधी और बलात्कारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के प्रदेश में जमकर तांडव मचा रहे है।
कानून व्यवस्था को धता बता रहे है,और निर्दोष लोगों के साथ तरह- तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे है।विगत दिनों उत्तरप्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा थाने के गांव में 14 सितंबर की सुबह 19 वर्षीय लड़की के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया।परिजनों का आरोप है कि सुबह साढ़े नौ बजे के करीब चार दबंगों ने लड़की के साथ गैंगरेप और दरिंदगी की।घटना के नौ दिन बाद जब लड़की होश में आई तो इशारों से अपना दर्द बयान किया।हालांकि उस समय तो युवती बच गई, लेकिन कुछ दिन बाद वो जिंदगी की जंग हार गई।ये घटना इतनी विभत्स है कि हर किसी का सुनकर खून खौल रहा है।विपक्षी दलों से लेकर,बुद्धजीवियों व आम नागरिकों में अब युवती के लिए इंसाफ दिलाने और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग तेज हो गई है।
घटना के विषय में बताते चलें कि 14 सितंबर को जब युवती के साथ दरिंदगी हुई तब वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नही थी। कटी जीभ, टूटी रीढ़ की हड्डी और तमाम चोटों को झेल रही यह बिटिया जिंदगी और मौत के बीच मे झूल रही थी। बाद में उसने विवेचना अधिकारी को पूरी दास्तान बताई।उसका बयान अब सरकारी पन्नों में दर्ज किया जा चुका है।युवती का बयान लेने के लिए दो विवेचना अधिकारी तीन बार अलीगढ़ के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज गए। तीसरी बार जब युवती को होश आया तब वह कुछ लड़खड़ाती आवाज और इशारों में यह कह पाई कि उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है।उसने अपने ही गांव के तीन और युवकों के नाम बताए।उसने अपने साथ हुई दरिंदगी की पूरी दास्तां विवेचना अधिकारी को बताई और विवेचना अधिकारी ने इसी आधार पर अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी और तथ्य विवेचना में शामिल किए। 14 सितंबर के बाद 22 सितंबर को यह बिटिया इस हाल में पहुंची कि कुछ बोल सके। इसके बाद इस केस में 22 सितंबर को धारा 376 डी बढ़ाई गई और चारों अभियुक्तों को सामूहिक दुष्कर्म का आरोपी भी बनाया गया।इस संबंध में हाथरस के एसपी विक्रांत वीर का कहना है कि पुलिस चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।इस मामले में पुलिस ने कोई लापरवाही नही बरती है।उन्होंने बताया कि इस युवती का 14 सितंबर को गला दबाकर हत्या करने की कोशिश की गई थी।अब उपचार के दौरान पीड़िता की मौत दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हो गई है।मेडिकल रिपोर्ट में जीभ काटने और आंख फोड़ने जैसी कोई बात नहीं है।गर्दन दबाने पर दांतों के बीच में जीभ आ जाने पर चोट का निशान हैं।मृतका ने विवेचक को भी अपना बयान बोलकर दर्ज कराया था।रीढ़ की हड्डी भी गला दबाने के कारण ठीक से काम नहीं कर रही थी।
दिल्ली से बिटिया का शव भारी सुरक्षा के बीच रात करीब पौने एक बजे गांव लाया गया।प्रशासनिक अधिकारियों की मंशा थी कि सुबह होने से पहले शव का अंतिम संस्कार करा दिया जाए, जबकि परिवार वालों का कहना था कि वह सुबह होने पर अंतिम संस्कार करेंगे, उनके यहां रात में अंतिम संस्कार नही होता है।इसी को लेकर हंगामा शुरू हो गया।महिलाएं एम्बुलेंस के सामने लेट गई।रात करीब सवा दो बजे तक मान-मनौव्वल का दौर चलता रहा। बाद में पुलिस प्रशासन ने बलपूर्वक एम्बुलेंस के सामने लेटी महिलाओं को हटाया।इस दौरान धक्का मुक्की और खींचतान भी हुई वहां पर चीख -पुकार मचने लगी।इसके बाद शव को श्मशान ले जाया गया और करीब ढाई बजे बिटिया के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इधर, रात में लगातार हंगामा बढ़ता देखकर गांव गांव में आसपास के जिलों से भी फ़ोर्स पहुंच गया है।पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया है।साथ ही गांव से दो किलोमीटर की परिधि में आने जाने वाले सभी रास्तों में बैरियर लगाकर फ़ोर्स को तैनात कर दिया गया है। किसी भी बाहरी व्यक्ति को गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा है।हाथरस की बिटिया के साथ दरिंदगी और उसके बाद हुई उसकी मौत को लेकर दिल्ली से हाथरस सहित देशभर में गुस्सा है।घटना को लेकर धरना प्रदर्शन हो रहे है और आरोपियों को जल्द सख्त सजा की मांग की जा रही है।विपक्षी दलों के साथ-साथ बॉलीबुड जगत के अभिनेत्रियों व अभिनेताओं ने भी उक्त घटना की निंदा करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग किया है।हालांकि इस घटना पर इन दिनों सियासी पारा भी उफान पर चल रहा है।विभिन्न दलों के राजनेता पीड़ित परिवार के यहां घटनाक्रम की जानकारी लेने व दुख दर्द सांझा करने हेतु पहुंच रहे है।इस दौरान पुलिस प्रशासन का मीडिया रिपोर्टर के साथ बत्तमीजी करने व दुर्व्यवहार करने की खबर भी कुछ न्यूज़ चैनलों पर आई है, जो लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुखद व शर्मनाक है।हाथरस घटना पर विपक्षी दलों व लोगों के द्वारा भारी विरोध प्रदर्शन के बाद स्थिति से रूबरू होते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर हाथरस जिले के एसपी विक्रांत वीर, सीओ, इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही एक एसआईटी की टीम गठित कर जांच के आदेश दिए गए है, जिस पर विभागीय अधिकारी पीड़िता के गांव में पहुंचकर मामले की जांच में जुटे हुए है। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीड़िता के परिजनों से वार्ता कर घटना के बारे में जानकारी लेते हुए सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।इस दौरान परिजनों ने मुख्यमंत्री जी से सीबीआई जांच की मांग किया, जिस पर मुख्यमंत्री ने मामले की सीबीआई जांच कराने के आदेश दिए हैं।
देशभर में अगर किसी भी राज्यों में इस तरह की घटनाएं घटित होती है तो यह एक शर्मनाक घटना है, जिसका सभी राजनीतिक दलों को बगैर राजनीति किए निःस्वार्थ भाव से सरकार से कार्रवाई की मांग करनी चाहिए। आज दुर्भाग्य की बात यह है कि देश के किसी भी राज्यों में घटित हो रही घटनाओं पर विभिन्न राजनीतिक दल अपनी-अपनी सियासत चमकाने में उतर जाते है और एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप करना शुरू कर देते है, जो भारत जैसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।इससे आरोपियों को और भी बल मिलता है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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