स्कूल की सिमा रेसा न होने से पाठशाला बनी गोशाला पशुओ के मल-मूत्र की सफाई के बाद शुरू होती है पढ़ाई.

By: indresh
Aug 22, 2019
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जौनपुर : मछलीशहर.वैसे तो सर्वविदित है कि प्राथमिक स्कूल के अध्यापको से सरकार पढ़ाई के अलावा अन्य बहुत से कार्य करवाती है,परंतु यहाँ सरकार के अनदेखी की वजह से गुरु जी विद्यालय से पशुओ के मल-मूत्र की सफाई की जिम्मेदारी भी झेल रहे है।जी हाँ हम बात कर रहे है क्षेत्र के प्राथमिक पाठशाला गोहका की जहा पर बाउंड्रीवाल न होने से पाठशाला गोशाला बन कर रह गयी है।प्रधानाध्यापक अनिल दुबे ने बताया कि वाल न होने से सारे छुट्टा पशु इसी विद्यालय परिसर में इकट्ठा होते है और इसे गंदा कर देते है।बचाव के लिए बॉस-बल्ली से पशुओ की रोकने की कवायद की जा रही है परन्तु पशु उसमे घुस ही जाते है।उन्होंने बताया कि स्कूल आने पर सबसे पहले पशुओ के मल-मूत्र की साफ़-सफाई करवाते है, उसके बाद पढ़ाई शुरू करना संभव हो पाता है।

आश्चर्य कि बात तो यह है कि विद्यालय के बाउंड्रीवाल के लिए राज्य सरकार द्वारा 14 वें वित्त आयोग के मद से सभी प्राथमिक विद्यालयो का कायाकल्प किया जा चुका है।परंतु उक्त गाव में 14वें वित्त आयोग का पैसा कहा गया इसकी सुधि लेने की फुरसत सरकारी महकमे के पास फिलहाल नहीं है।


indresh

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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