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नवी मुंबई : भारतीय संविधान का सम्मान और पूजन करने के लिए वर्तमान चुनावी माहौल में भी एक मंच पर आए सभी नेता। 'मुम्बई तपास' अखबार के संपादक श्री राजीव मिश्रा जी ने भारतीय संविधान के निर्माता और महामानव बाबा साहब अम्बेडकर के 128 वीं जयंती को संविधान पूजन दिवस के रूप में वाशी शिवाजी महाराज चौक पर मनाया गया। इस अवसर पर आम नागरिकों में भारतीय संविधान के प्रति जागरूकता लाने और प्रत्येक व्यक्ति को संविधान पढ़ने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से कई राजनेता और समाज के प्रबुद्ध वर्ग से जुड़े लोग एक मंच पर एकत्रित हुए। इस कार्यक्रम में बीजेपी की बेलापुर से विधायक श्रीमती मंदाताई म्हात्रे, शिवसेना के उपनेता श्री विजय नाहटा, शिवसेना जिलाप्रमुख विठ्ठल मोरे, बेलापुर शहर प्रमुख विजय माने, यूनाइटेड कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील शुक्ला, राष्ट्रीय महासचिव संजय खन्ना, कांग्रेस पार्टी के नवी मुंबई जिला उपाध्यक्ष सय्यद पीर फकीरा, जिला महासचिव निजाम अली शेख, महाराष्ट्र युवक कांग्रेस के पदाधिकारी निशांत भगत, शिवसेना नगरसेवक ममित चौगुले, अधिवक्ता डी के गुप्ता, अधिवक्ता जब्बार खान, अधिवक्ता बबलू शेख, समाज सेवक रिजवान पटेल, समाजसेवक अफसर इमाम, स्वराज इंडिया के जिलाध्यक्ष अशोक सूर्यवंशी, महासचिव अवधेश शुक्ला, जदयू के मुम्बई अध्यक्ष बाल्मीकि सिंह, समाजसेवक वशिष्ठ यादव, समाजसेवक संजय यादव, समाजसेवक आर के सिंह, धीरज सिंह, रोहित कुमार, नागेंद्र शर्मा, जयप्रकाश शर्मा, सावन वैश्य, सागर पाटिल, नंदकुमार गोस्वामी, के कुमार, राजाराम जयसवाल, संजय पांडेय आदि सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। मंदा ताई म्हात्रे, विजय नाहटा, अफसर इमाम, डी के गुप्ता और सुनील शुक्ला ने अपने भाषण में 'मुम्बई तपास' के संपादक राजीव मिश्रा की जमकर तारीफ की और कहा कि नवी मुंबई में पहली बार किसी व्यक्ति या संस्था के द्वारा भारतीय संविधान के महत्व को लेकर इतना अच्छा कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें आम लोगों को भारतीय संविधान को पढ़ने, समझने और उसपर अमल करने के लिए जागृत किया गया है और संविधान का पूजन करके इसके महत्व को पूरे देश में प्रसारित करने का प्रयास किया गया है। भारतीय संविधान का गौरव करते हुए सभी वक्ताओं ने यह माना कि बाबा साहब ने विश्व का सर्वोत्तम लोकतंत्र हमारे देश को प्रदान किया है और शायद यही कारण है कि उन्हें महामानव की उपाधि प्रदान की गई है। 'मुम्बई तपास' के संपादक राजीव मिश्रा ने कहा कि उन्होंने जिस मकसद के साथ इस कार्यक्रम का आयोजन किया था, वह छोटे स्तर पर ही सही मगर काफी सफल रहा क्योंकि इस कार्यक्रम में शामिल होनेवाले लगभग हर व्यक्ति ने यह स्वीकार किया कि भारतीय संविधान का अध्ययन देश के सभी नागरिकों को करना चाहिए। मिश्रा की मानें तो संविधान का जानकार व्यक्ति कभी भी किसी भी सरकारी संस्थान या सरकारी अधिकारी के सामने तबतक कमजोर महसूस नही करेगा जब तक कि उससे कोई संवैधानिक उल्लंघन न हुआ हो। भारत के संविधान को जो लोग जानते हैं उन्हें यह अच्छी तरह पता है कि कोई भी शासकीय नेता या अधिकारी शासक नही है बल्कि वह आम नागरिकों के सेवक हैं और नागरिकों को सेवा प्रदान करना उनकी जिम्मेदारी है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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