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नवी मुंबई : महानगरपालिका के उद्यान विभाग में कार्यरत श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिसके लिए श्रमिक समाज समता कामगार संघ के माध्यम से आमरण अनशन कर रहे हैं।
नवी मुंबई महानगरपालिका के बेलापुर से दीघा प्रभाग कार्यालय क्षेत्र में कुल 1700503 वर्ग मीटर उद्यान विकसित किए गए हैं। इस उद्यान में कार्यरत श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी और लेवी के सभी लाभ देना अनिवार्य है, लेकिन उद्यान विभाग में कार्यरत ठेकेदारों और उद्यान विभाग के अधिकारियों के आर्थिक स्वार्थों के कारण लगभग 40 श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में बार-बार पत्राचार किया गया, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
महानगरपालिका की नीति के अनुसार, 2200 वर्ग मीटर पर एक श्रमिक, अर्थात 1700603 वर्ग मीटर क्षेत्रफल पर 773 श्रमिकों का कार्य करना आवश्यक है। वास्तव में, उद्यान विभाग में साढ़े चार सौ श्रमिक कार्यरत हैं, और शेष 200 श्रमिकों का वेतन अधिकारी और ठेकेदार मिलकर हर महीने बांट रहे हैं।
इसके अलावा, काम कर रहे मज़दूरों को न्यूनतम मज़दूरी देने में भी आनाकानी की जा रही है।आज भूख हड़ताल पर बैठे मज़दूरों को सिर्फ़ 12,000 रुपये प्रति माह मिलते हैं। अगर नगर निगम एक मज़दूर पर 27,000 रुपये खर्च कर रहा है और मज़दूर को सिर्फ़ 12,000 रुपये मिल रहे हैं, तो बड़ा सवाल यह है कि बाकी 15,000 रुपये किसे मिलेंगे। इसीलिए उद्यान विभाग के अधिकारी इस मामले को नज़रअंदाज़ कर अपनी जेबें भर रहे हैं।
बार-बार अनुरोध करने के बावजूद मज़दूरों को न्यूनतम मज़दूरी न मिलने के कारण मज़दूरों ने भूख हड़ताल पर जाने का फ़ैसला किया है और इस भूख हड़ताल में 25 मज़दूर 60 साल से ज़्यादा उम्र के हैं। इन्हें मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अन्य बीमारियाँ हैं। इसलिए, कभी भी इनके स्वास्थ्य के बिगड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।चूँकि इन मज़दूरों के उत्तराधिकारियों को न्यूनतम मज़दूरी और लेवी का लाभ नहीं मिल रहा है, इसलिए उन्होंने भूख हड़ताल पर जाने का फ़ैसला किया है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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