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नवी मुंबई :वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के केंद्र की राजनीति में जाने को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। हालांकि, इस विषय पर अटकलें और चर्चाएं समय-समय पर सामने आती रही हैं।
अभी एक दिन पहले अमित शाह और जे पी नड्डा का गहन मंथन दिल्ली में हुआ तो यह सूचना अपुष्ट सूत्रों से आ रही है। हालांकि हाल ही में, गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक सवाल के जवाब में कहा कि योगी आदित्यनाथ भी "रिपीट" होने वाले हैं। इस बयान को राजनीतिक विश्लेषकों ने संकेत के रूप में देखा है कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में ही अपना कार्यकाल जारी रखेंगे। इसके अतिरिक्त, योगी आदित्यनाथ ने स्वयं एक साक्षात्कार में कहा था कि यदि वे मुख्यमंत्री नहीं रहे, तो वे मठ में वापस चले जाएंगे।
यह बात सत्य है कि योगी आदित्यनाथ का राष्ट्रीय राजनीति में प्रभाव बना हुआ है। कई प्रदेशों में उनको मुख्यमंत्री बनाने की बातें होती रहती है हालांकि यह संभव नहीं है फिर भी। वह विभिन्न राज्यों में भाजपा के लिए स्टार प्रचारक के रूप में तो सक्रिय हैं ही। हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनावों में उन्होंने कई रैलियों को संबोधित किया था। वहीं दक्षिण भारतीय नेता अनुराग और अन्नामलाई को भी बड़ी जिम्मेदारी देने की योजना है।क्या वर्तमान संदर्भ में योगी आदित्यनाथ में केंद्र की राजनीति में जाने की योजना बना रहे हैं या उत्तर प्रदेश में अपने मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। यह उत्तर शीघ्र मिलनेवाला है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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