चूड़ियों की खनक से गुलज़ार हुआ चूड़ी का मेला

By: Riyazul
Nov 02, 2018
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जौनपुर: ,शाहगंज 
जब लाल पीली रंग बिरंगी चूड़ियों की बात हो तब जेहन में सबसे पहले शाहगंज के चूड़ी के मेले का ख्याल आता है।और लोगों को विशेष रूप से महिलाओं को इस चूड़ी के मेले का बेसब्री से इंतज़ार रहता है।नगर की बहन बेटियां भारत के किसी भी कोने में क्यो न हो चूड़ी के मेले के लिए जरूर आती है।
जी हाँ हम बात कर रहे है नगर के ऐतेहासिक चूड़ी के मेले का जो दशहरा के हफ्ते भर नगर के चूड़ी के मुहल्ले में आयोजित होता है जिसकी प्रसिद्धि पूरे भारत मे है।

अब इसे संयोग कहा जाए या फिर कुछ और चूड़ी का मेला ऐसी जगह लगता है जिसका नाम ही चूड़ी का मुहल्ला पड़ गया।
हफ्ते भर चलने वाले चूड़ी के मेले में भारत के कोने कोने से दुकान दार आते है जिसमे खास कर चूड़ी के दुकानदारों की संख्या अधिक होती है।अन्य दुकानों में क्रॉकरी, शीशे के बर्तन, कपड़े की दुकाने, बच्चो के खिलौने की दुकानें,कंगन, हैंड बैग, सौंदर्य प्रसाधन आदि की छोटी बड़ी दुकाने रहती है।इन सबके साथ महिलाओं की भीड़ खाने पीने के दुकानों पर सबसे अधिक भीड़ प्रसिध्य फुल्की की दुकानों पर होती है ।
इस मेले की एक और विशेषता है की इस मेले में पुरुषों का प्रवेश वर्जित होता है जिसके लिए पुलिस भी तैनात रहती है।मेले में अधिक भीड़ शाम को होती है जिसमे दूर दूर से भी महिलाएं इस मेले को देखने और आनंद उठाने के लिए आती है।
इस मेले की ऐसी मान्यता है की जब प्रभु श्री राम अपने भाई लक्ष्मण और माता सीता के अयोध्या पहुंचने के बाद माता सीता अपने सहेलियों के साथ हाट बाजार करने गयी थी।उसी के याद दिलाता यह मेला भी नगर के दशहरा के सप्ताह बाद आयोजित होता है।


Riyazul

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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