सांवली गांव के प्रकलपग्रस्त १६ वर्षों से पुनर्वसन के इंतजार मेंभूख हड़ताल व आत्मदहन की चेतावनी !

By: Surendra
Dec 22, 2023
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नवी मुंबई : नवी मुंबई मनपा परिसर के अंतर्गत सांवली गांव के रहवासियों के घरों को टूटे हुए आज १६ वर्ष बीत गए हैं परंतु अभी तक इन प्रकल्पग्रस्तों का पुनर्वसन नहीं हो पाया है। इन प्रतीक्षारत प्रकल्पग्रस्तों ने अब न्याय के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है।

उल्लेखनीय है कि सावली गांव के इस संपादित (राजस्व गांव) क्षेत्र को सिडको व नवी मुंबई  महानगरपालिका  के अधिकारियों ने मिली भगत करके हड़प लिया है। ऐसा आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने मांग की है कि उनका जल्द से जल्द पुनर्वसन किया जाए, अन्यथा यह आंदोलन भूख हड़ताल के साथ-साथ आत्म दहन तक किया जाएगा।

इस संदर्भ में सावली गांव के प्रकल्पग्रस्तों  का कहना है कि यह गांव ( राजस्व गांव) है। यह गांव अंग्रेजों के काल से बसा हुआ था। परंतु सिर्फ इसी गांव को संपादन से दूर रखा गया। कालांतर में सावली ग्रामीणों को साढ़े  बारह प्रतिशत योजना अंतर्गत भूखंड सावली गांव में न देते हुए कोपरखैरणे में दे दिया गया। इसलिए कोई पर्याय न होने की वजह से हम अपने घर  किराए पर देकर कोपरखैरणे में स्थानांतर हो गए। इस दरम्यान नवी मुंबई मनपा ने "घर के मालिक सावली गांव में नहीं रहते हैं" यह कारण बताते हुए हमें पुनर्वसन के लिए अपात्र ठहरा दिया। यही नहीं इस गांव को हाई कोर्ट में झोपड़पट्टी बताकर इस परिसर को सिडको द्वारा सेंट्रल पार्क के लिए आरक्षित दिखाकर कोर्ट के आदेश पर हमारे घरों को तोड़ा गया। ग्रामीणों का कहना है कि बाधित ग्रामीणों का पुनर्वसन हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद सिडको द्वारा कोर्ट को गुमराह किया गया कि  हमने ग्रामीणों का पुनर्वसन कर दिया है।

बहरहाल अब सिडको द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की यह जगह नवी मुंबई महानगरपालिका को हस्तांतरण किए जाने से अब यह जिम्मेदारी दोनों प्रशासन की है कि इन ग्रामीणों का पुनर्वसन तुरंत किया जाए। सिडको व मनपा प्रशासन के बीच१६ वर्षों से पुनर्वसन के लिए न्याय का दरवाजा खटखटा रहे प्रकल्पग्रस्त  रेवनाथ शंकर पाटिल (पूर्व पारसिक बैंक मैनेजर) के अलावा रघुनाथ नारायण पाटिल( पूर्व सैनिक),समाजसेवक सुरेश श्रवण पाटिल व निलेश मधुकर पाटिल ने कहा है कि पूर्व मंत्री गणेश नाईक व पूर्व नगरसेवक अनंत पाटिल के हस्तक्षेप के बावजूद पुनर्वसन की समस्या जस की तस बरकरार है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अब अगर सावली गांव का जल्द से जल्द पुनर्वसन नहीं किया गया तो वह आमरण भूख हड़ताल व आत्मदहन के लिए भी तैयार हैं।


Surendra

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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