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दिलदारनगर : (गाजीपुर) स्थानीय तहसील क्षेत्र के गांव उसिया के दरगाह वाली नूरी मस्जिद के प्रांगण में 30 पारा का तरावीह 6वां दिन मुकम्मल हुआ। इसके बाद कारी परवेज का सम्मान किया गया। इसके बाद फातिहा हुई। कारी परवेज ने अपने मुल्क की अमन और शांति कायम रहे की दुआं मांगी।
रमजान के महीने में तरावीह को अपनी अकीदत के हिसाब से सब लोग अलग-अलग दिनों में पूरा करते हैं। गुरुवार की शाम रमजान का चांद दिखाई देने के बाद तरावीह शुरू हुई। रात को इशां की नमाज अदा करने के बाद लोगों ने तरावीह की नमाज अदा की। रमज़ान के महीने में रोज़े (व्रत) रखने,रात में तरावीह की नमाज पढ़ना और कुरानें पाक की तिलावत करना शामिल है। मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे महीने रोजा रखते हैं। पूरे महीने भर इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। रमजान के दौरान रोजा इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है।
दरगाह वाली नूरी मस्जिद के पेश इमाम हाफिज सुहैल (बाबा) ने बताया कि इस पूरे महीने में मुस्लिम संप्रदाय से जुड़े लोग अल्लाह की इबादत करते हैं। इस महीने में वे खुदा को खुश करने और उनकी कृपादृष्टि पाने के लिए नमाज, रोजा,दान धर्म,के साथ कुरान का पाठ करते हैं।
कारी परवेज ने बताया कि रोजा रखने का मतलब सिर्फ भूखा प्यासा रहना नहीं होता है। यह हाथ-पैर, आंख आदि सभी अंगों का भी रोजा होता है। जो लोग किसी वजह से रोजा नहीं रख पाते, वे रोजेदारों का एहतराम करें। उन्होंने ने बताया कि आज तरावीह मुकम्मल होने से मतलब ये न समझ लें कि अब तरावीह नहीं पढ़ना तरावीह 30 दिन तक पढ़ा जाता है।पूरा महीना इबादत में गुजारने, गुनाह से दूर रहने और जरूरतमंदों की भरपूर मदद करने की अपील की है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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