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क्या फडणवीस 'मित्रा' के उपाध्यक्ष के रूप में अजय अशर की नियुक्ति से सहमत हैं?
मुंबई : शिंदे-फडणवीस सरकार ने केंद्र की नीति आयोग की तर्ज पर राज्य में महाराष्ट्र इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन यानी 'मित्रा' की स्थापना की है. लेकिन इस संस्था के उपाध्यक्ष के पद पर अजय अशर नामक बिल्डर को नियुक्त कर गलत फैसला लिया है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने मांग की है कि अगर अजय अशर जैसे लुटेरे को सरकारी खजाने पर बैठाना है तो पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने पद से इस्तीफा दें।
इस संबंध में शिंदे-फडणवीस सरकार का घेरते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि जब राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार थी तो भाजपा विधायक विधायक आशीष शेलार ने शहरी विकास विभाग के बाहेर मे बात करते हुए पूछा था कि अजय अशर नाम का व्यक्ति कौन है। उस समय विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी अशर के नाम पर आपत्ति जताई थी। अब शिंदे-फडणवीस सरकार उसी लुटेरे को नीति आयोग की तरह बनाए गए ‘ मित्रा’ संस्था में कैबिनेट स्तर के उपाध्यक्ष पद के समकक्ष कैसे नियुक्त कर सकती है। पटोले ने पूछा है कि क्या उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अजय अशर की नियुक्ति से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर महाराष्ट्र के कुछ गांव कर्नाटक को दिए जाने की साजिश रची जा रही है। वहीं दूसरी ओर राज्य के उद्योग गुजरात जा रहे हैं। ऐसे में क्या शिंदे – फडणवीस की ईडी सरकार राज्य के खजाने को लूटने का फैसला किया है। इसका जवाब जनता को देना चाहिए।
नाना पटोले ने कहा कि बीजेपी ने महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान अजय अशर को लेकर आपत्ति जताई थी। ऐसे में अब बड़ा सवाल यह है कि क्या बीजेपी ने अब अपना इरादा बदल लिया है। कल तक बीजेपी जिस शख्स का विरोध कर रही थी , उसके हाथों में आज राज्य के खजाने को सौंपना कितना उचित है। क्या इस नियुक्ति के पीछे बीजेपी का भी कोई स्वार्थ है। इसका खुलासा होना चाहिए। पटोले ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस महत्वपूर्ण पद पर किसी लुटेरे की नियुक्ति का पुरजोर विरोध करती है। उन्होंने कहा कि नागपुर के शीतकालीन सत्र में वे इस मुद्दे को जरूर उठाएंगे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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