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By: Subhash Giri
मुंबई : मुंबई से प्रकाशित परिमार्जित इकिगाई पुस्तक का महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के हाथों विमोचन हुआ ।इसके पहले पुस्तक " परिमार्जित इकिगाई" का मुंबई के बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार, विधायक प्रसाद लाड के हाथों चेंबूर में विमोचन किया गया।
इस दौरान भाजपा मुंबई सचिव कुशल जैन पूर्व नगर सेविका आशा ताई मराठे महादेव शिवगन चेंबूर अध्यक्ष राहुल वालुंज मुंबई के अन्य पदाधिकारी गण, नगरसेवक और गणमान्य उपस्थित रहे। गौरतलब है कि लेखक इंज. अश्वनी जोशी और डॉ कंचन थापर विग द्वारा लिखी 'परिमार्जित इकिगाई' पुस्तक का पंजाब में विमोचन, पंजाब के राज्यपाल(एवं प्रशासक चंडीगढ) महामहिम बनवारी लाल पुरोहित द्वारा 8 नवंबर को राज भवन पंजाब से किया था।हिंदी में 'परिमार्जित' का अर्थ है 'सुधार' और 'इकिगाई' जापानी शब्द में 'इकि' का अर्थ है जीवन और 'गाई' का अर्थ है आशा और अपेक्षाओं की प्राप्ति। अपने जीवन के उद्देश्य की खोज यानि इकिगाई, आपको अपने जीवन के फीकेपन को भरने में मदद करता है। अपनी 'इकिगाई' जानने से जीवन के पेशे और मिशन से भी ऊपर, जीवन जीने के उचित उद्देश्य को खुद जानने में मदद मिलती है", लेखक अश्विनी जोशी ने बताया।
लगभग 160 देशों की यात्रा कर चुके, मर्चेंट मैरीन इंजीनियर, लेखक अश्विनी जोशी ने एक अद्वितीय चित्रमय तरीके से लिखा है जो पाठकों को अब आसानी से अपनी 'इकिगाई' को जानने में मदद करेगा, अन्यथा यह एक जटिल कार्य था।184 पन्ने की 'परिमार्जित इकिगाई' में अनेकों शोध आधारित शक्तिशाली व सिद्ध भारतीय और जापानी अवधारणाएं हैं जो आपको खुद अपनी इकिगाई को सुधारने में मदद कर सकती हैं। पुस्तक में विश्वप्रसिद्ध शिंकानसेन सिद्धांत के माध्यम से,लेखक ने यह भी बताया है कि किसी व्यक्ति या राष्ट्र को प्रगति में बड़ी छलांग लगाने की इच्छा होने पर किसी भी चालू प्रणाली में पूर्ण परिवर्तन की हिम्मत क्यों करनी चाहिए। पुस्तक 'परिमार्जित इकिगाई' सभी क्षेत्रों के लोगों को विशेष रूप से छात्रों को व्यवसाय, पेशे, जुनून और विशेष उद्देश्य (वोकेशन, प्रोफेशन, पैशन, मिशन) का सही अनुपात चुनने में मदद करेगी,
जिसके परिणामस्वरूप 'जीने का असली उद्देश्य' प्रगट होता है, जो खुश, हर्षित, संतुष्ट, स्वस्थ और लंबे जीवन से इंसान को पुरस्कृत करता है।
परिमार्जित इकिगाई' में लेखक ने दुनिया के पांच नीले क्षेत्रों को छूते हुए जहां ज्यादातर लोग 100 साल के करीब लम्बा जीवन जीते हैं, के बारे लिखा है कि वे लोग कैसे जीने के उचित उद्देश्य के साथ दीर्घायु और खुशहाल जीवन जीते है। सक्रिय रहते हैं और कभी भी जीवन में रिटायर नहीं होते। दुनिया के पांच नीले क्षेत्र (जापान, इटली, कैलिफोर्निया, कोस्टारिको व ग्रीस में) जहां लोग दीर्घायु व तनाव रहित जीवन जीतें हैं की बारे अत्यधिक प्रेरक तथ्य भी बताएं हैं। संक्षेप में, इस ब्रह्मांड में हमारे जीने के असली उद्देश्य की खोज ही है इकिगाई की खोज, जो हमें आनंदमय दीर्घायु भी प्रदान कराती है।महाराष्ट्र से डॉ कंचन थापर विग पुस्तक की सह-लेखक है।'परिमार्जित इकिगाई' हिंदी पुस्तक श्रॉफ पब्लिशर्स द्वारा मुंबई से प्रकाशित की गई है,अमेज़न पर भी उपलब्ध है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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