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By : सुरेन्द्र सरोज
नवी मुंबई : वरिष्ठ समाज सेवक स्व. प्रोफेसर केशर सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उनके परिवारजनों द्वारा वाशी के गुरुद्वारे में रविवार दोपहर १२.०० बजे शोक सभा का आयोजन किया गया। ज्ञात हो कि सिंह का गत 28 जुलाई को लखनऊ के एक अस्पताल में निधन हो गया था। शोक सभा में सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मुंबई तथा नवी मुंबई के कई राजनेता, बिल्डर्स, व्यवसायी, कई समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारी के अलावा उनके रिश्तेदार तथा शुभचिंतक उपस्थित थे। कार्यक्रम के शुभारंभ में सिंह की दिव्य आत्मा की शांति के लिए गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी का पाठ किया गया। इस अवसर पर उपस्थित स्व. सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए पूर्व मंत्री व ऐरोली विधानसभा क्षेत्र के विधायक गणेश नाईक ने कहा कि उनमें मानव सेवा व देश प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। सिंह एक असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। नाईक ने आश्वासन दिया कि आगामी नवी मुंबई महानगरपालिका गठन के बाद मैं सिंह की याद में नवी मुंबई क्षेत्र में उनके नाम से किसी चौक अथवा रास्ते का नामकरण करने का पूरी तरह से प्रयास करूंगा। बेलापुर विधानसभा क्षेत्र के शिवसेना संपर्क प्रमुख विट्ठल मोरे ने कहा कि उम्र के अंतिम पड़ाव तक भी सिंह ने आर्थिक रूप से असहाय व पिछड़े वर्ग की जिस प्रकार सेवा की वह युवा समाज सेवकों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। हरिओम चैरिटेबल एसोसिएशन( कैंसर पीड़ितों की मददगार संस्था) सुरेंद्र मांगी ने सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे हमारी संस्था से कई वर्षों से जुड़े हुए थे उन्होंने हजारों कैंसर पीड़ितों की सहायता में अपनी महत्वपूर्ण निभाई थी। शोक सभा सिंह को श्रद्धांजलि देने आए नवी मुंबई के वरिष्ठ समाज सेवक अब्दुल हबीब सरवैया उर्फ(अब्दुल भाई) ने कहा कि श्री सिंह दुखी लोगों के लिए एक मसीहा का रूप थे जिन्होंने असंख्य पीड़ितों के आंसू पोछने का काम किया। सभा में जनकल्याण सामाजिक संस्था के संस्थापक अध्यक्ष राजेश शर्मा ने सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मुझे समाज सेवा के लिए उनसे बड़ी ही प्रेरणा मिली है। शर्मा ने आगे कहा कि श्री सिंह के जो भी अधूरे कार्य बाकी रह गए हैं उन्हें संस्था के माध्यम से पूरा किया जाएगा। इस अवसर पर स्व. सिंह के सुपुत्र रणजीत सिंह ने कहा कि समाज सेवा क्षेत्र में मेरे पिताजी का दायरा बहुत ही बड़ा था। हमारा वहां तक पहुंचना संभव नहीं फिर भी हम अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए समाज सेवा में उनके नाम का दिया सदैव जलाए रखेंगे। सभा के अंत में भव्य लंगर का भी आयोजन किया गया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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