अपने अधिकारों के प्रति कितना सजग हैं, कहार जाति के लोग। अनिल वर्मा (एडवोकेट

By: Khabre Aaj Bhi
Jul 18, 2022
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अन्य पिछड़ी जातियों के लोगो की अपेक्षा, कहार जाति के ही लोग आज भी क्यों है पीछे।

By : मयंक कुमार

वाराणसी : आज के समय में जहां पर समाज में देखा जा सकता है कि हर वर्ग और जाति समाज के लोग विकास कर रहे हैं तो वही अगर बात की जाए कहार जाति की तो इससे जाति वर्ग के लोग पहले से तो गरीब थे ही लेकिन आज के परिवेश को देखते हुए जहां पर इस समाज का भी विकास होना चाहिए। कहार समाज के विकास में कहां कमी रह गई इसको विस्तृत रूप से बताते हुए पूर्व बार एसोसिएशन अध्यक्ष व समाजवादी पार्टी (पिछड़ा प्रकोष्ठ) के प्रदेश सचिव एडवोकेट अनिल वर्मा ने बताया कि आप आज कल देखने में आ रहा है। आप लोग समाज के बारे समाज को एकता कैसे बने समाज के विकाश के लिए क्या किया जाए आत्मबल कैसे बढ़े अन्य मुद्दों पर कोई चर्चा नही, चर्चा जो हो रही है वह यह की कौन लोग समाज में कुछ कर रहे है। उनकी आलोचना तरह तरह का आरोप प्रत्या रोप यही चल रहा है। क्या आप बिचार करते है की आज़ादी के ७० वर्ष बीत जाने के बाद कहार समाज की क्या स्थिति है। आप के समाज के पास १ परसेंट ग्रेजुएट नही है। आप के पास सांसद विधायक प्रधान निचले स्तर के जनप्रतिनिधि नही है। आईएएस पीसीएस तो अभी भी सपना है। इधर कुछ वर्षों से समाज के लोगों ने संगठन बनाकर चेतना पैदा करने की कोशिश कर रहे है। उन लोगों को धन्यवाद लेकिन यदि किसी मुद्दे पर मीटिंग बुला दी जायँ तो १ परसेंट  लोग आने के लिए तैयार नही होते। आप लोग स्वम सोचिए समाज कब आगे बढ़ेगा ? 

आज समाज की स्थिति सबसे निचले स्तर यानी अनुसूचित जनजाति से भी नीचे क्यो कहार समाज की बात ७० वर्ष से लोगों द्वारा जागरूक करने का प्रयास किया गया। लेकिन आंदोलन क्यो फेल हो जाता है। उसका एक मात्र कारण जागरूकता का अभाव मानसिक ग़ुलामी आज भी हमारे समाज के युवा मानसिक ग़ुलामी में जी रहे है। महिलाओं को वही पुराना पेशा करने पर अपना बड़प्पन समझते है। क्या आज के दौर में कहार समाज के साथ जो जुल्म हो रहा है। समाज का १ परसेंट भी ब्यक्ति थाने पर जाकर रिपोर्ट दर्ज कराने की हिम्मत नही ऐसा क्यो आप ने इस पर बिचार किया नही ? बिचार क्या है बस पेट भर गया शराब पीने को मिल गया मै फला के साथ घूमता हूँ उनके परिवार की टहल गिरी करता हूँ आप ने यह कभी नही सोचा को मै अपने बच्चों को मेहनत करके पढ़ाऊँगा यदि आप का बच्चा जन्म से १५ वर्ष तक शिक्षा कि तरफ़ आकर्षित नही हुआ तो आप की एक पीढ़ी बर्बाद हो जाएगी। देखिए आप कई संगठन तों बना सकते है। उसका तब तक कोई मतलब नही जब तक आप समाज के बीच काम नही करेंगे यदि कोई ब्यक्ति मदद करता है तो आरोप लगाना एक आदत बन गया है। जो कभी समाज के बीच नही आया वह पहले आप से चंदा का हिसाब माँगेगा और दूर से ही कहेगा की यह नही हुआ वह नही हुआ ऐसे लोगों को बातों पर ध्यान देने की ज़रूरत नही। याद रखना यदि यही रवैया रहा तो आप के नकारात्मक सोच आचरण के चलते समाज अभी सदीयो पीछे दिखाई दे रहा है। समाज के कुछ लोग आरक्षण की बात करते है। मै पूछता हूँ की आप के समाज में १ परसेंट लोग ग्रैजूएट नही आप आरक्षण कैसे मिलेगा ? इस लिए आप लोगों से मेरा पुनः निवेदन है की मानसिक ग़ुलामी छोड़िए अपने हौसले को बुलंद करिए अन्याय से संघर्ष करना शिखे ताकि आप के बच्चे यह एहसास करे की हमें जुल्म का जबाब देना है। चाहे क्यो न ही बलिदानी देनी पड़ी है। उसी दिन से समाज को एक नया रास्ता मिलेगा वह रास्ता संघर्ष शक्ति विकाश सम्मान से जिने की राह बताएगा आप ज़रा पीछे मुड़ कर अन्य समाज के लोगों के बलिदान को देखे वह आपने समाज के लिए बलिदान देने की प्रेरणा दे रहा है। इस लिए आप लोगों से निवेदन है अपना निजी स्वार्थ त्याग कर समाज के लिए कुछ करे जो जिस स्तर का हो वही करे आप की तनहा शरीर भी यदि लोगों के साथ खड़ी है तो यह भी सबसे बड़ा सहयोग समाज के लिए होगा एक आदमी का भी आंदोलन जन आंदोलन बन जाता है। इन्हीं सब बातों के साथ एडवोकेट अनिल वर्मा ने अपने समाज के युवाओं को जागरूक करने के लिए जन आंदोलन का ऐलान किया है। और लोगों से निवेदन किया है कि कहार समाज के लोग अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए जागरूक हो।


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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