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By - सुरेन्द्र सरोज
नवी मुंबई : ठेकेदारों का हमेशा तबादला किया जाता है, मजदूरों का शोषण किया जाता है, मजदूरों की आधी मजदूरी भगा दी जाती है. ठेकेदार बदलते रहते हैं, लेकिन ऐसे कर्मचारी भी हैं जिन्होंने सालों से काम किया है। इसलिए नवी मुंबई इंटक के अध्यक्ष रवींद्र सावंत ने नगर आयुक्त अभिजीत बांगर से अस्पताल में मनमानी काम कर रहे ठेका कर्मियों को ठेकेदारों को खाना खिलाने की जगह सेवा देने की मांग की है.
नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित वाशी, नेरुल-तुर्भे-ऐरोली और अन्य स्थानों में पहला रेफरेंस अस्पताल बच्चों के अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य प्रणालियों में ठेकेदार कंपनी ईएमजी द्वारा संचालित किया जा रहा है। जाहिर है नगर निगम प्रशासन में कर्मचारी सालों से एकमुश्त तो कभी ठेके के आधार पर काम कर रहे हैं। ठेकेदार का ट्रांसफर हो जाने पर भी कर्मचारी जस के तस बने रहते हैं। पूर्व में जब बीवीजी कांट्रेक्टर हुआ करता था तो कर्मचारियों को ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता था। लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों को ईएमजी ठेकेदार के आने पर वेतन के देर से भुगतान सहित अन्य मुद्दों से जूझना पड़ता है। पिछले दो-तीन महीने से अस्पताल के कर्मचारियों को ईएमजी ठेकेदार द्वारा भुगतान नहीं किया गया है। इस कंपनी की मशीनरी और अन्य उपकरण पिछले कुछ दिनों से नहीं देखे गए हैं। मजदूर नेता रवींद्र सावंत ने नगर निगम प्रशासन को बताया कि नगर निगम क्षेत्र में चर्चा चल रही थी कि ठेकेदार भाग गया है ।
एक तरफ एक ठेकेदार को दो-तीन महीने से भुगतान नहीं होने को लेकर चल रहे विवाद ने मजदूरों में भय पैदा कर दिया है. महंगाई के दौर में अस्पताल के कर्मचारियों के वेतन का ठप होना एक गंभीर मामला है जो नगर प्रशासन की छवि को धूमिल करता है. इसलिए नगर निगम प्रशासन को ईएमजी कंपनी की जांच करनी चाहिए और संबंधित ठेकेदार के खिलाफ वेतन में हेराफेरी करने, भागने (चर्चा) करने और कर्मचारियों को न्याय दिलाने का आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए.स्वास्थ्य व्यवस्था में इस समय कर्मचारियों की कमी है. अस्पताल के स्थायी कर्मचारी चाचा-चाची समेत अन्य संवर्गों से सेवानिवृत्त हो गए हैं। इस बहुउद्देशीय कार्य का अतिरिक्त भार ठेकेदार के यहां काम करने वाले कर्मचारियों पर पड़ता है। नगर पालिका प्रशासन रिक्तियों में नए मरीजों की भर्ती किए बिना ही सफाई कर्मचारियों की सेवा को बरकरार रखे। इन कर्मचारियों को अस्पताल में काम करने का अनुभव है। हालांकि ठेकेदार फरार हो गया, लेकिन कर्मचारी सालों से नगर निगम प्रशासन में काम कर रहे हैं। नगर निगम प्रशासन को अब ठेकेदारों कि जगह इन कर्मचारियों को रखने की जरूरत है। रवींद्र सावंत ने मांग की है कि नगर निगम प्रशासन संबंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर संबंधित कर्मचारियों का बकाया वेतन नगर निगम के खजाने से भुगतान करे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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