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जितना आवश्यक भोजन हमारे शरीर के लिए है। उतना ही जरूरी शिक्षा हमारे जीवन के लिए आवश्यक* -
(लेखक नीलम सिंह)
चंदौली: प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का सम्मान है ।जितना आवश्यक भोजन हमारे शरीर के लिए है।उतना ही जरूरी शिक्षा हमारे जीवन के लिए आवश्यक है।
शिक्षा और शिक्षित दोनो में क्या अंतर है। वो हमें मालूम ही नहीं शिक्षा हमें कहीं से कुछ भी सीखा देता है । शिक्षाजो हम सीखते हैं। समझते हैं ।और शिक्षित होना हमारे गुणों को हमारे चरित्र को दिखाती है।
एक शिक्षित व्यक्ति सदैव अपना तथा अपने परिवार को हर हालत में ही खुश रख सकता है।इसलिए समाज के हर हर एक व्यक्ति को शिक्षित होना आवश्यक है।
अफसोस तो इस बात का हैं ।आज -कल के युवा बस शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं ।शिक्षित होना नहीं पर उन्हें क्या पता वो कितनी बड़ी गलती कर रहे हैं। शिक्षा पाना हमारा अधिकार है । पर शिक्षित होना हमारा व्यवहार है।
शिक्षा हमें आगे बढ़ने का रास्ता बताता है। और हमारा व्यवहार उस रास्ते पर चलने का समय बताता है। शिक्षा और शिक्षित होना हमारे पूरी जीवन का नींव है। हमें इस नींव को मजबूत करना होगा।जो हमे खुद ही करना होगा।
आजकल आधे से अधिक लोग शिक्षा पाने के बावजूद भी शिक्षित नहीं है। जिसका मुख्य कारण है वे मैं अपनी इच्छाओं का पूरा नहीं कर पाते। एक शिक्षित व्यक्ति पुरे समाज को सुखी कर सकते हैं ।और एक शिक्षा पाया हुआ व्यक्ति ख़ुद को ही नहीं सुखी रख सकता।तो आइए हम सब लोग अपने शिक्षित होने के प्रमाण दें।जो सिर्फ हमारे संस्कार और व्यवहार से मिलेगा।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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