Twitterअभियान दुनिया के चौथे नंबर पर पहुंचा भारतीयों की दिल की आवाज

By: Khabre Aaj Bhi
Jun 30, 2021
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कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन की मांग को सोशल मीडिया पर करवाया टॉप ट्रेंड 



By.जावेद बिन अली 

राजस्थान जयपुर : आज दिनांक ३० जून २१ को न्यू पेंशन स्कीम एंपलाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि राजस्थान सहित देशभर के जनवरी २००४ के बाद नियुक्त सरकारी कार्मिकों ने३० जून को पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू किए जाने की मांग को लेकर ट्विटर पर महाअभियान से बड़ी संख्या में जुड़कर मात्र १ घंटे में टॉप ट्रेंड करवाते हुए हैश टैग #RestoreOldPension को मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री महोदय सहित राजनेताओं को टैग करते हुए ८ घंटे से अधिक समय तक १४ लाख से ज्यादा ट्वीट कर ट्रेंडिंग में रखा, यहीं यह बात भी गौरतलब है कि कुल ट्वीटस की संख्या के आधार पर ट्विटर अभियान विश्व में चौथे नंबर पर रहा जो पैरामिलिट्री सहित देश के ७५ लाख सरकारी कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी पुरानी पेंशन योजना को छीनकर शेयर मार्केट बाजार जोखिम निवेश आधारित एनपीएस म्यूच्यूअल फंड योजना थोपने के खिलाफ आक्रोश का स्वतः स्फूर्त प्रकटीकरण था ।

गौरतलब है कि सरकारी संस्थानों के निजीकरण के साथ ही कार्मिकों के महंगाई भत्ते रोके जाने सहित अन्याय के खिलाफ आक्रोश के कारण देशभर में सरकारी कर्मचारियों ने विभागों, संगठनो एवं राज्यों की सीमा से परे जाकर एकजुटता दिखाते हुए १५अगस्त २० को हैशटैग #NPS_QUIT_INDIA को भारत में एक नंबर पर एवं ८ जून २१ को हैशटैग #डीए_बहाल_करो को भारत में एक नंबर के साथ विश्व में९  नंबर पर एवं २६ जून को हैशटैग #WeWantOldPension को भारत में एक नंबर के साथ विश्व में ५ नंबर पर ट्रेंड करवा चुके हैं 

देशभर के लगभग ७५ लाख सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारी नवीन अंशदाई पेंशन योजना नामक म्यूच्यूअल फंड योजना का दंश झेल रहे हैं, जो कि पेंशन योजना नहीं है तथा जिसमें लंबी सेवा अवधि के बाद भी सेवानिवृत्ति पर महज छह सौ से नौ सौ रुपये मासिक पेंशन मिलने के उदाहरण देशभर में मिल रहे हैं। जिससे कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है।

केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट जगत को खरबों रुपए के पेंशन फंड को हड़पने की छूट देने के लिए १९७२ के केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम के स्थान पर १ जनवरी २००४ से भारत की सेना को छोड़कर अर्धसैनिक बलों सहित सरकारी नौकरी में आए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना शुरू की जिसका केंद्र की कॉरपोरेट हितेषी सरकारों के दबाव में पश्चिम बंगाल के अलावा सभी राज्यों ने अंधानुकरण करते हुए एक-एक करके अलग-अलग तिथि से अपने राज्यों में अंशदाई पेंशन योजना को लागू किया।

भारतीय संविधान भाग ११ की सातवीं अनुसूची में अनुच्छेद २५४ -२५५ राज्यों और संघ के मध्य के अधिकारों को उल्लेखित करती है , जिसके अनुसार केंद्र राज्य संबंध तीन भागों, संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में विभाजित है। न्यू पेंशन स्कीम राज्य सूची के विषय पेंशन पर केंद्र का अतिक्रमण है , जिसका राज्य सरकारों को भी खुला विरोध करना चाहिए।

वर्ष २००९ में इसे न्यू पेंशन योजना की जगह नेशनल पेंशन योजना का नाम दिया गया एवं केंद्र व राज्य के सरकारी कार्मिकों के अलावा कारपोरेट कर्मचारी जगत सहित आम नागरिकों के लिए भी खोल दिया गया , जबकि यह पेंशन योजना ना होकर एक म्यूच्यूअल फंड योजना है। जिसमें शेयर मार्केट निवेश जोखिम होने के बावजूद भी वर्ष २०१३ से संसद द्वारा पारित पेंशन फंड नियम और विकास प्राधिकरण एक्ट द्वारा न्यूनतम रिटर्न की कोई गारंटी प्रदान नहीं की गई है एवं किसी का भी निवेश सुरक्षित नहीं है। इसके अलावा एनपीएस में कई और दिक्कत है, इसमें महंगाई भत्ते में होने वाली बढ़त के मुताबिक संशोधन का कोई प्रावधान नहीं है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी को साल में दो बार संशोधित महंगाई भत्ते का लाभ मिलता था। संगठन केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए शेयर बाजार से जुड़ी पेंशन योजना का समर्थन नहीं करता है। 

देश में न्यू पेंशन स्कीम धारक सरकारी कर्मचारियों की संख्या ३१ मई, २०२१तक बढ़कर७५ लाख १९ हज़ार ३६३ हो गयी है, जिसमे १४ लाख अर्धसैनिक बलों सहित २१ लाख ८२ हज़ार३८४  केन्द्रीय कर्मचारियों सहित पश्चिम बंगाल जहाँ एनपीएस योजना लागू नहीं है ,को छोड़कर २८  राज्यों के राज्य कर्मचारियों की संख्या ५२  लाख ३६ हज़ार ९८९  है। फेडरेशन के नेताओं ने बताया कि इन सभी एनपीएस कार्मिकों की असुरक्षित शेयर बाज़ार में जमा कुल परिसम्पत्ति ४ लाख ९५  हज़ार ६९६ करोड़ से भी ज्यादा हो गयी है । 

न्यू पेंशन स्कीम एंप्लाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष रविंद्र शर्मा ने बताया कि एनपीएसईएफआर केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए शेयर बाजार से जुड़ी पेंशन प्रणाली के खिलाफ है। हमारी मांगें सरकार में सत्ता के गलियारों तक पहुंचे इसके लिए देश के ७४ लाख एनपीएस कार्मिकों की मांग पुरानी पेंशन बहाली मुद्दे को वैश्विक ट्विटर अभियान से केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों से लेकर वैश्विक परिप्रेक्ष्य तक पुरानी पेंशन बहाली मुद्दे को बार बार उठाएंगे। इसके लिए योजना बना ली गई है। पूरा विश्वास है कि केंद्र और राज्य सरकार इस कदम के बाद मामले पर गम्भीरता से विचार करेगीl


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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