पेंशन मानवाधिकार है :- सुप्रीम कोर्ट

By: Khabre Aaj Bhi
Dec 10, 2021
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 By : जावेद बिन अली 

राजस्थान जयपुर : आज प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए न्यू पेंशन स्कीम एम्पलॉइज फैडरेशन ऑफ़ राजस्थान, भरतपुर के जिला समन्वयक मुकेश जघीना ने बताया कि फेडरेशन के प्रांतव्यापी आह्वान पर पूरे भरतपुर सहित राजस्थान में दस दिसंबर  शुक्रवार को लक्ष्मण मंदिर चौराहे पर सांय छह बजे  मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में नवीन अंशदायी पेंशन योजना का दंश झेल रहे सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा पेंशन चौपाल आयोजित की गयी  । 

युवा नेता मुकेश पिप्पल  ने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट अपने विभिन्न फैसलों में पेंशन को मानवाधिकार अधिकार माना है  ।

प्रदेश उपाध्यक्ष भावना चौधरी ने बताया कि उन्नीस सौ बयासी  में ऐतिहासिक निर्णय देते हुए  डी एस नाकारा एवं अन्य वर्सेज भारत सरकार फैसले में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ‘‘भारतीय संविधान के अनुसार सरकार पेंशनभोगियों को सामाजिक एवं आर्थिक संरक्षण देने के लिए बाध्य है और सरकारी सेवा से सेवानिवृतों के लिए पेंशन उनका मौलिक अधिकार है। पेंशन न तो उपहार है और ना ही नियोक्ता की सद्भावना या मेहरबानी है। यह एक अनुग्रह भुगतान भी नहीं है बल्कि उनकी पूर्व में की गयी सेवाओं का भुगतान है। यह एक सामाजिक कल्याणकारी मानदण्ड है, जिसके तहत उन लोगों को सामाजिक-आर्थिक न्याय देना है,जिन्होंने अपनी पूरी जवानी नियोक्ताओं के लिए निरंतर कड़ी महे नत करने में इस भरोसे में बितायी है कि उनके बुढ़ापे  में उन्हे बेसहारा नहीं छोड़ दिया जाएगा’’। विनोद जैमन ने  बताया  कि मानवाधिकार आयोग ने भी  न केवल पेंशन बल्कि सेवा निवृत होने पे मिलने वाले सभी लाभ ग्रेच्युटी,समर्पित अवकाश भुगतान, प्रोविडेंट फंड आदि को मानवाधिकार माना हैं ’। विशाल चौधरी  बताया की जिसे एनपीएस कहते हैं वह पेंशन योजना न होकर म्यूच्यूअल फण्ड निवेश योजना है जो शेयर बाजार आधारित होने के कारन पूरी तरह से असुरक्षित योजना है तथा सरकारी कर्मचारियों के धन से कार्पोरेट ऐश कर रहे हैं’। समय सिंह एवं गिरीश शर्मा ने बताया कि नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) की विफलता पर सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने  हल्ला बोल आन्दोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया है । पदम सिंह बांसी एवं रेखा कुंतल  ने बताया कि राज्य सरकार की तीसरी वर्षगांठ दिनांक 18 दिसंबर 2021, शनिवार को “हल्ला बोल आन्दोलन“ की शुरुआत   करते हुए प्रदर्शन के साथ सभी जिला एवं खंड मुख्यालयों पर जिलाधीश एवं एसडीएम महोदय के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री महोदय को “राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम,1996” लागू करने के सम्बन्ध में विस्तृत ज्ञापन दिया जायेगा ।  लाल सिंह  एवं दीपक दीक्षित  ने बताया कि दिनांक 22 दिसंबर 2021, बुधवार को सभी जिला एवं खंड मुख्यालयों पर 22 दिसंबर 2003 को जारी केंद्र सरकार की उस अधिसूचना की प्रतिलिपियों का दहन किया जायेगा जिसके द्वारा देश में पेंशन को बाज़ार के हवाले करते हुए पहली बार केवल केंद्र के कार्मिकों पर 01.01.2004 से नवीन पेंशन योजना थोपी दी थी ।  प्रदेश महासचिव राकेश कुंतल एवं विजय फौजदार ने बताया कि 1 जनवरी 2022, शनिवार को राजस्थान के कर्मचारियों पर 01.01.2004 से नवीन अंशदायी पेंशन नामक मुच्युअल फंड योजना लागू होने की बरसी पर सभी जिला एवं खंड स्तर  पर “केंडल मार्च”निकालकर विरोध प्रकट किया  जायेगा ।  प्रमिला सिंह  एवं अनूप चौधरी ने बताया कि दिनांक 14 जनवरी 2022, शुक्रवार को सभी जिला एवं खंड मुख्यालयों पर 14.01.2004 को जारी राजस्थान सरकार की उस अधिसूचना की प्रतिलिपियों का दहन किया जायेगा जिसके द्वारा राजस्थान राज्य में 01.01.2004 से, सरकारी सेवा में नियुक्त कर्मचारियों पर लागू “राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम,1996” को बंद कर दिया गया था । प्रदेश समन्वयक विनोद चौधरी ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गयी तो प्रदेश के कर्मचारी चुनावों में सत्ताधारी राजनैतिक दलों को सबक सिखाने का निर्णय ले चुके है । पेंशन चौपाल के अंत में हेलीकाप्टर दुर्घटना में दिवंगत शहीदों को मोमबत्ती जला कर श्रधान्जली दी गयी।


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Reporter - Khabre Aaj Bhi

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