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By: जावेद बिन अली
जयपुर :भारत के इतिहास में प्रथम बार ऐसी सरकार केंद्र और राज्य सरकार बनी है जो सुनती नहीं है सिर्फ मन की बात करती है अब देखिए सरकार द्वारा डीए फ्रीज करने के खिलाफ देश के कर्मचारियों में कितना आक्रोश है इसका अंदाजा आज ट्वीटर पर ट्रेंड किये हैशटैग "डीएबहालकरो" से लगाया जा सकता है।
केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा महामारी की आड़ में देश के कर्मचारियों का जबरन रोका गया महंगाई भत्ता बहाल करने की मांग करते हुए न्यू पेंशन स्कीम एम्प्लोयीज फेडरेशन ऑफ़ राजस्थान (एनपीएसईएफआर) के आव्हान पर राज्य व देश भर के सरकारी कर्मचारी, अधिकारी ,एक्स पेरामिलिट्री संगठनो के पूर्ण सहयोग द्वारा प्रातः११ बजे से दोपहर ३ बजे तक चलाया गया ट्विटर अभियान ८ घंटे से अधिक समय तक ट्रेंड करते हुए ना केवल देश में नंबर एक पर ट्रेंड किया बल्कि विश्व में भी ९ नंबर पर ट्रेंड किया ।
आज जबकि आम उपभोग की वस्तुओं डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस, खाद्य तेल की मूल्य वृद्धि अभूतपूर्व है और महंगाई हर दिन लोगों का जीना मुश्किल कर रही है ऐसे में महंगाई भत्ते को फ्रीज करना कर्मचारियों पर कठोर प्रहार है। यही कारण है कि कर्मचारी ट्विटर के माध्यम से अपना आक्रोश प्रकट कर रहे हैं। सरकार को कर्मचारियों की इस मांग पर तुरंत ध्यान देना चाहिए नहीं तो देश भर के कर्मचारियों के सब्र का बांध कभी भी टूट सकता है और सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है।
कोविड-१९ महामारी के दौरान केंद्र और राज्य के कर्मचारियों ने बहुत बेहतरीन काम किया हैl जबकि हुक्मरान पिछले 18 महीने से डीए रोके हुए हैं। आर्थिक सुनामी के चलते अभी भी सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं है!
केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों की सरकार से लडाई जनवरी २०२० से जून २०२१ तक बकाया १८ महीनों के डीए एरियर भुगतान को लेकर भी है क्योंकि डीए फ्रीज है, इस तरह से डीए में तीन बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिला। इनके मन की बात कोई सुनने वाला नहीं हैl
मौजूदा समय में डीए १७ फीसदी की दर से दिया जा रहा है। जबकि महंगाई दर के कारण इसमें अब जनवरी से जून २०२० तक चार प्रतिशत की वृद्धि, जुलाई से दिसंबर २०२० तक ३% की वृद्धि और जनवरी से जून २०२० तक ४ % की वृद्धि शामिल होने पर कुल २८ प्रतिशत मंहगाई भत्ता देय होना चाहिए ।
सरकार के पास दुनिया भर से कर्ज लेने और बहुमूल्य परिसंपत्तियों को बेचने के बाद भी पैसा नहीं है तो तुरंत प्रभाव से देश के ७३ लाख एनपीएस कार्मिको पर जबरन थोपी गयी नवीन पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन योजना लागू कर देनी चाहिए lजिस से अरबों रूपया प्रतिमाह कोर्पोरेट की झोली में जाने की जगह देश के विकास में काम आने के साथ कर्मचारी- पेंशनरों का डीए एरियर सहित बहाल हो सके।
महामारी के बहाने से सरकार कर्मचारियों का डीए रोक कर बैठी है जबकि केन्द्र और प्रदेशों में माननीयों के वेतन भत्ते और पेंशन में किसी तरह की कोई रुकावट नहीं है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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