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मुंबई : लॉकडाउन के समय ग्राहकों को भेजे गए अधिक बिजली बिल के लिए राज्य सरकार विद्युत वितरण मंडल को 6 हजार करोड़ का अनुदान दें, यह मांग भाजपा प्रदेश माध्यम विभाग प्रमुख और राज्य विद्युत मंडल के पूर्व संचालक विश्वास पाठक ने किया है। मंत्रियों व अधिकारियों के लिए गाड़ी की खरीददारी करने के लिए जिस तरह से मंजूरी का प्रस्ताव तत्काल मंजूर किया गया, ऐसी ही तत्परता विद्युत मंडल को अनुदान देने में दिखाए। ऐसा श्री. पाठक ने उल्लेख किया है ।ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञ रहे श्री. पाठक ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि राज्य के ग्राहकों को अधिक बिजली बिल भेजने से राज्य में बडे असंतोष का निर्माण हुआ है। ग्राहकों को तत्परता से राहत देने की अपेक्षा महाविकास आघाडी सरकार इस समस्या पर ढिलमुल रवैया अपनाते हुए दिखाई दे रही है ।
इस प्रश्न पर सरकार के मंत्री समूह की बैठक अभी हाल ही में हुई है। इस बैठक में ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने फिर से घिसीपिटी बातें कही। सरकार अनुदान के रूप में महावितरण को सहायता करेगी , जिसका 93 प्रतिशत ग्राहकों को लाभ मिलेगा, ऐसा ऊर्जा मंत्री ने कहा है जो समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है। सरकार द्वारा विद्युत मंडल को सहायता देने के संबंध में प्रस्ताव राज्य विद्युत नियामक मंडल के पास भेजा गया है, यह भी ऊर्जा मंत्री ने कहा है । मूलतः सरकार को महावितरण कंपनी को अनुदान देने व यह अनुदान ग्राहकों में बांटने में किसी भी तरह की अनुमति नही लगती है यह छोटी सी बात उर्जा मंत्री को नही पता है जिसका आश्चर्य है। महावितरण के ग्राहक साल में लगभग 70 हजार करोड़ की रकम बिल के माध्यम से देते हैं। जिस कारण से आज उनके संकट के समय सरकार कम से कम एक महीने का कर अर्थात 6 हजार करोड़ रुपए की राशि अनुदान के रूप में देने पर ही ग्राहकों को राहत मिलेगी। 500 करोड़, 1 हजार करोड़ जितना अल्प अनुदान देकर ग्राहकों का अपमान न करें ऐसा श्री. पाठक ने पत्रक में कहा है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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