सात साल के लंबे इंतजार के बाद निर्भया को आखिरकार मिला इंसाफ 5:30 पर दी गई तिहाड़ जेल मे फासी

By: Khabre Aaj Bhi
Mar 20, 2020
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दिल्ली : निर्भाया समूहिकk रेप मामले मे आज 5:30 मिनट पर चारो आरोपियों को दिया गई फासी जिससे निर्भाया की माँ लम्बे इंतजार के बाद  आज इंसाफ  मिल गया चारो आरोपियों को फासी दी जाने के बाद निर्भाया की माँ ने अपने घर मे आकार सबसे पहले अपनी बेटी के फोटो को अपने गले लगा कर अपनी बेटी को कहा की बेटी आज तेरी इच्छा पूरी हो गई ऊन चारो को आज फ़ासी हो गई । सात साल के लंबे इंतजार के बाद निर्भया को आखिरकार इंसाफ मिल गया है। निर्भया मामले के चारों दोषियों को दिल्ली की तिहाड़ जले में शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे फांसी पर लटका दिया गया। मेडिकल ऑफिसर ने चारों दोषियों को मृत घोषित किया। निर्भया के चार दोषियों को फांसी पर चढ़ाकर मेरठ का पवन जल्लाद अपने दादा कालूराम का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कालूराम ने एकसाथ दो दोषियों को फांसी दी थी जबकि पवन ने आज एक साथ चार दोषियों को फांसी पर लटकाया है। पवन ऐसे परिवार का सदस्य है जिसकी चार पीढ़ियां फांसी देती आ रही हैं। पवन के परदादा लक्ष्मणराम अपने परिवार में जल्लाद का काम करने वाले पहले शख्स थे। तब देश में अंग्रेजी हुकूमत थी।

दिल्ली के जीसस मेरी कॉलेज की स्टूडेंट्स गीता चौपड़ा व उनके भाई संजय चौपड़ा की हत्या करने वाले कुख्यात अपराधी रंगा-बिल्ला को लक्ष्मणराम के बेटे कालूराम ने फांसी पर लटकाया था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह और षड़यंत्र रचने वाले केहर सिंह को भी कालूराम ने फांसी पर चढ़ाया था।कालूराम ने बाद में यह काम बेटे मम्मू सिंह को सौंप दिया। मम्मू ने आखिरी बार साल-1997 में जबलपुर के कांताप्रसाद तिवारी को फांसी दी थी। मम्मू की मौत से पहले ही दादा कालूराम ने पौत्र पवन को जल्लाद के लिए तैयार कर लिया था। पवन ने बताया कि उसके दादा ने एकसाथ दो लोगों को फांसी पर लटकाया था, लेकिन वह चार दोषियों को एकसाथ फांसी देकर यह रिकॉर्ड तोड़ेगा। 58 साल के पवन बताते हैं कि पहली बार वह आगरा जेल में 1988 में गए थे। उस वक्त रेप के आरोपी जुम्मन को फांसी देने उसके दादा गए थे। निर्भाया के चारो आरोपियों का शव पोस्टमार्टम के लिये दवाखाने भेज दिया गया है । सकरी प्रति क्रिया पूरी होने के बाद परिजनो को शव दिया जाएगा । 


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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