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जौनपुर: जनपद का अग्नि शमन विभाग इन दिनों तिजारत में लग गया है। हास्पिटल, स्कूल और व्यापारिक प्रतिष्ठïनों पर आग लगने से बचाव के लिए एनओसी जारी करने के बजाय खुद ही सिलेंडर बेचे जा रहे हैं। हालत यह है कि छोटे से छोटे दुकानदारों को जिनकी आमदनी बमुश्किल 200-300 रूपये प्रतिदिन की है उन्हे भी आग का डर दिखाकर विभाग के सिपाही सिलेंडर थमा देते हैं और वो भी दोगुने दाम पर। मजबूर गरीब दुकानदार भी क्या करें वर्दी पहनकर सामने खड़े सिपाही की बात मानना भी मजबूरी बन जाती है। नतीजतन अपने खून पसीने की कमाई का पैसा निकालकर साहब को देना पड़ता है। जब हमारे देश में ब्रिटिश हुकूमत थी तो भारतीयों पर जुल्म की इन्तेहा उनके सिपाही ढहा देते थे ठीक वैसे ही आज आजाद भारत में भी ये माजरा आपको देखने को मिल जायेगा। हॉ तरीका थोड़ा अलग है। ब्रिटिश हुकूमत में सिपाही मजबूर भारतियों को गोली से उड़ा दिया करते थे और आज के समय में उनका खून चूसकर उन्हे अधमरा कर दिया जाता है।
सूत्र बतातें हैं कि जिला अग्नि शमन विभाग के कई सिपाही नगर भर में घूम-घूमकर अब सिलेंडर बेचे देखे जा सकते हैं। ये हर दिन कोई न कोई दुकान पर जाकर आग लगने का भय और अपने वर्दी का रौब दिखाकर बड़ी मात्रा में सिलेंडरों को लगाते है जिससे इन्हे अच्छी मलाई खाने को मिल जाती है। जानकार बतातें हैं कि एक सिलेंडर का दाम लगभग 1400-1500 तक होता है लेकिन इन्हे विभाग द्वारा 3000-3200 तक रूपये में बेच दिया जाता है। कुल मिलाकर देखा जाये तो अपनी जिम्मेदारियों को छोड़ विभाग के कर्मचारी अब तिजारत में उतर आये हैं।
वहीं, दूसरी तरफ नगर भर में कई ऐसे हास्पिटल और होटल संचालित हो रहे हैं जिनके अंदर सुरक्षा मानकों की अनदेखी हुई है लेकिन यहां विभाग के कर्मचारी नहीं आते है। वजह साफ है इन हास्पिटल संचालकों व होटल मालिकों के रौब के आगे इनकी चलती भी नहीं। किसी न किसी जरिये से इनका वास्ता राजनीतिक पार्टियों से होता है जिसके वजह से यहां विभाग के कर्मी दिखाई भी नहीं देते। अभी 22.09. 2019 को ही मौजूदा जिलाधिकारी ने भ्रष्टचार के एक मामले में प्रधान को जेल भेजकर यह बता दिया कि भ्रष्टïचारियों को बख्शा नहीं जायेगा। जनपद के सम्भ्रांत नागरिकों ने जिलाधिकारी का ध्यान इस तरफ आकृष्टï कराया है। लोगों का कहना है कि यदि डीएम साहब की नजरे अग्नि शमन विभाग की तरफ हो जाये तो शायद यह भी विभाग भी सुधर जाये।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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