सरायख्वाजा थानाध्यक्ष का पुलिसिया तांडव,ज़मीनी विवाद में महिलाओं पर बरसायी लाठियां

By: Riyazul
Jul 26, 2019
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जौनपुर: सरायख्वाजा थाना अंतर्गत ग्राम लपरी में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक महिला के द्वारा दिये गये ज़मीनी विवाद के प्रार्थना पत्र पर थानाध्यक्ष अपने थाने को न्यायालय बना कर खुद जज बन कर अपने हमराहियो के साथ अपनी निगरानी में सार्वजनिक रास्ते को सरायख्वाजा के दबंग थानाध्यक्ष ने ईट से चुनवा दिया ग्रामीणों के विरोध करने पर क़हर बन कर टूटे दबंग थानाध्यक्ष ने ग्राम लपरी में खूब पुलिसिया तांडव किया विरोध में आयी महिलाओं पर लाठियां बरसायी जिसमें से एक महिला जनपद के एक नर्सिंग होम में जीवन-मृत्यु से लड़ रही है।
सूत्रों से प्राप्त मिली जानकारी के अनुसार थाना सरायख्वाजा के ग्राम लपरी में जब गांव बसा तभी से वर्तमान विवादित भूमि पर से ग्रामीणों के घरों का आना जाना रहा करता था सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि वह एक आम रास्ता है जहाँ लपरी की ही एक आंगनवाडी विकलांग महिला अपनी दबंगाई के बल पर उस आम रास्ते को बंद करना चाहती है उक्त सम्बध में उसने लगभग एक माह पूर्व सरायख्वाजा के थानाध्यक्ष को एक प्रार्थना दिया गया था।बताया जा रहा है कि दोनों पक्षो द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन पहले प्रार्थना पत्र विपक्षी ग्रामीणों द्वारा दिया गया जिसपर कोई कार्यवाही न करते हुये सरायख्वाज थानाध्यक्ष ने पहले तो विपक्षी 5 ग्रामीण महिलाओ को थाने पर रात के 11 बजे तक बैठा रखा और दूसरी तरफ आंगनवाडी विकलांग महिला पर कोई कार्यवाही न करते हुये दूसरे दिन विपक्षी ग्रामीण महिलाओ पर एक तरफा मुकदमा लिख दिया गया जब कि किसी भी विवाद पर दोनों पक्षो पर कार्यवाही होनी चाहिए थी एक तरफा कारवाही करना जाँच का विषय बन गया ! पुनः दूसरे दिन विपक्षी ग्रामीण महिलाओ के चालान के बाद उसी  विवाद को लेकर कुछ दिनों बाद विपक्षी ग्रामीण के 2 पुरुष का भी चालान कर दिया गया जिसमें साबित होता है कि सरायख्वाज थानाध्यक्ष ने अपने पद के द्वारा विपक्षी ग्रामीणों का मानवाधिकार का हनन किया जा रहा है !
विवादित सार्वजनिक रास्ते को लेकर थानाध्यक्ष सरायख्वाज के द्वारा दोनो पक्षों को न्यायालय न भेज कर खुद अपने थाने को ही कोर्ट बना कर खुद फैसला कर  लिया और अपने लाव लश्कर लेकर विवादित सार्वजनिक रास्ते को अपनी निगरानी में खड़े होकर बंद कर दिया गया !
दबंग थानाध्यक्ष सरायख्वाज से डर कर ग्रामीणों ने अपने अपने घरों को छोड़कर कही और अपना ठिकाना बना लिया।
सूत्रो द्वारा ये भी कहा जा रहा है कि दबंग थानाध्यक्ष को किसी बड़े नेता का संरक्षण प्राप्त है जिसके कारण थानाध्यक्ष एक तरफा ग्रामीणों पर कहर बनकर अत्याचार करते चले आ रहे है !इसी क्रम में ग्रामीणों का कहना है कि किसी भी तरह का भुमि विवाद अदालत द्वारा निस्तारण किया जाता है न कि थाने को अदालत बना कर फ़ैसला किया जाना खुलेआम अदालत की  अवहेलना थानाध्यक्ष द्वारा खुले आम किया जा रहा है।


Riyazul

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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