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देश अब मासूमों से रेप पर सजा-ए-मौत, अध्यादेश को मिली इस अध्यादेश पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'यह मंत्रिमंडल द्वारा लिया एक ऐतिहासिक निर्णय है, इस तरह के जघन्य अपराध करने वाले लोगों को दंडित करने के लिए ऐसे कानून की आवश्यकता है। इस फैसले का सर्वसम्मति से स्वागत किया गया है।' राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उस अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसके तहत POCSO एक्ट में संशोधन लाया गया है। इस संशोधन के तहत 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के मामलों में दोषियों को मृत्युदंड सहित सख्त सजा के प्रावधान हैं। रविवार को प्रधानमंत्री आवास पर कैबिनेट बैठक में इस अध्यादेश पर फैसला लिया गया। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि 12 साल तक की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले में अधिकतम मौत की सजा का प्रावधान करेगी। मोदी सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के अनुसार, 16 साल से कम उम्र की लड़की से बलात्कार के मामले में, न्यूनतम सजा 10 साल से बढ़कर 20 साल हो गई। वहीं 12 साल से कम उम्र की लड़की के बलात्कार के लिए न्यूनतम 20 साल का कारावास या आजीवन कारावास या फिर फांसी तक की सजा भी मुमकिन है। 16 साल से कम उम्र की लड़कियों के रेप के दोषियों को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी। इन मामलों में जांच को 2 महीने में खत्म करना होगा। ट्रायल पूरा करने के लिए 2 महीने का समय निर्धारित किया गया है। इसके अलावा महिला के दुष्कर्म के मामले में न्यूनतम सजा 7 साल से 10 साल तक, उम्रकैद तक बढ़ाई जा सकती है। वहीं इस अध्यादेश पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'यह मंत्रिमंडल द्वारा लिया एक ऐतिहासिक निर्णय है, इस तरह के जघन्य अपराध करने वाले लोगों को दंडित करने के लिए ऐसे कानून की आवश्यकता है। इस फैसले का सर्वसम्मति से स्वागत किया गया है।'
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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