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By:इन्द्रेश तिवारी
जौनपुर: प्रत्येक मानव को कथा रूपी औषधि का सेवन करना चाहिए और वाणी में मधुरता होनी चाहिए। जैसे कौआ व कोयल में विशेष अंतर नहीं होता लेकिन कोयल अपनी मीठी बोल से सभी की प्रिय होती है इसलिए मनुष्य को सरल व प्रिय बोलना चाहिए। उक्त बाते क्षेत्र के करियांव गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन मथुरा बृंदावन से पधारे श्री विष्णुशरण महाराज ने कही। कथा में महाराज ने श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि कन्हैया जैसी लीला मनुष्य क्या कोई अन्य देव भी नहीं कर सकता। लीला और क्रिया में अंतर होता है, भगवान ने लीला की है।जबकि महाराज ने बताया कि जिसको कर्तव्य का अभिमान तथा सुखी रहने की इच्छा हो तो वह क्रिया कहलाती है। इस प्रकार उन्होंने कथा के अंतिम दिन श्रीकृष्ण के तमाम लीलाओं का वर्णन करते हुए बैठे श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।इसके पूर्व विशिष्टजनों ने माल्यार्पण कर महाराज का सम्मान करते हुए आशीर्वाद लिया।इस मौके पर सुरेंद्र बहादुर सिंह , कृष्ण कांत दूबे , आकाश सिंह , उमाशंकर गुप्ता , मातशंकर उपाध्याय,विकास सिंह ,अभय सिंह के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।कार्यक्रम संयोजक महेंद्र प्रताप सिंह ने आये हुए सभी भक्तजनो का आभार प्रकट किया।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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