जौनपुर ओडीएफ व खुले मे शौच का गांवो मे नही हो पाया प्रचार प्रसार,दौड़ाये जा रहे कागजी घोड़े

By: Riyazul
Dec 11, 2018
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जौनपुर : गावों को खुले में शौच मुक्त करने और गंदगी से होने वाली बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जिले में पानी की तरह पैसा बहाया गया है। 
इसमें अब तक जिला प्रशासन डेढ़ करोड़ की धनराशि खर्च कर चुका है। लेकिन जिला प्रशासन की यह कवायद बेअसर साबित हुई है। सिर्फ कागजों पर ही लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। 
अभी तक न तो गावों में बैनर व पोस्टर चस्पा किया गया है और न ही सभी ग्राम पंचायतों में वाल पेंटिंग व होर्डिंग्स आदि ही लगाया गया है। 
सिर्फ स्वेच्छा ग्राहियों को प्रशिक्षण देने व उनका भुगतान करने, ब्लाकों में मॉडल शौचालय बनवाने व ओडीएफ वाररुम बनाने, सामानों की खरीदारी करने सहित ब्लाक व जिला मुख्यालय पर गोष्ठी कराने में पैसा खर्च किया गया है। 
सरकार द्वारा दो अक्तूबर 2014 में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना का शुभारंभ किया गया था। 
इस योजना के तहत शौचालय के आने वाले बजट का चार प्रतिशत धनराशि को सूचना, शिक्षा व प्रसार (आईईसी)के तहत रखा जाता है। 
इस पैसे को योजना के प्रचार व प्रसार के लिए खर्च किया जाना था लेकिन जिला पंचायत राज विभाग द्वारा इस धनराशि को खर्च नहीं किया गया था। जिससे आईईसी में 11 करोड़ की धनराशि बची हुई थी। 
इसके बाद गावों में ओडीएफ करने के लिए व लोगों को जागरूक करने के नाम पर चालू वित्तीय वर्ष में धनराशि खर्च करने का कार्य किया गया। 
इस दौरान चालू वित्तीय वर्ष में अब तक लगभग डेढ़ करोड़ की धनराशि खर्च की जा चुकी है। प्रशासन द्वारा इस पैसे को गावों में बैनर व पोस्टर लगवाने, वाल पेंटिंग कराने, स्वेच्छाग्राहियों का भुगतान करने व उनको प्रशिक्षण देने, ब्लॉकों में मॉडल शौचालय बनाने, स्वेच्छाग्राहियों को कीट देने, ब्लाकों में वॉर रूम बनाने, प्रोजेक्टर आदि लगाने में पानी की तरह खर्च किया गया। 
लेकिन हालत यह है कि अधिकांश गावों में बैनर व पोस्टर नहीं लगे हैं। वहीं वॉल पेंटिंग भी नहीं की गई है। लोगों को जागरूक करने के लिए कोई ठोस कदम ही नहीं उठाया गया है। सिर्फ निगरानी समिति व स्वेच्छाग्राहियों के माध्यम से ही प्रचार प्रसार कराया गया है।


Riyazul

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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