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बरईपार/ जौनपुर : स्थानीय तेजी बाजार थाना क्षेत्र के चक घसीटा नाथ स्थित बटेश्वर नाथ शिव संस्कृत महाविद्यालय विद्यालय के परिसर में सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन किया गया था इस आयोजन में दर्जन भर ब्राह्मण बटुकों का सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार किया गया इस संदर्भ में संस्कृत महाविद्यालय की प्राचार्य ज्योतिष के आचार्य पंडित मार्कंडेय प्रसाद पांडेय ने यज्ञोपवीत संस्कार के विषय में बताते हुए कहा कि
यज्ञोपवीत संस्कार, जिसे उपनयन संस्कार भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म के संस्कारों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. यह संस्कार केवल धार्मिक अनुष्ठान से परे, जीवन के एक नवीन आयाम का द्वार खोलता है. आमतौर पर 8 से 16 वर्ष की आयु के बीच के द्विज वर्ण (ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य) के लड़कों पर यह संस्कार संपन्न किया जाता है.
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
यज्ञोपवीत संस्कार का धार्मिक महत्व अत्यंत गहन है. यह संस्कार बालक को वेदों के अध्ययन, यज्ञों में भागीदारी तथा गुरु-शिष्य परंपरा का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करता है. साथ ही, यह संस्कार उसे सदाचार, आत्मसंयम और कर्मठता जैसे जीवन मूल्यों को ग्रहण करने का मार्गदर्शन प्रदान करता है. सांस्कृतिक दृष्टि से भी यज्ञोपवीत संस्कार का महत्व असीम है. यह संस्कार सदियों से चली आ रही भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस दौरान माता चरण पांडेय चंद्रप्रकाश पांडेय श्रवण कुमार पांडेय केशव पांडेय संजय तिवारी घनश्याम मिश्रा मुरलीधर तिवारी पद्माकर दुबे सत्येंद्र पांडेय सुशील पांडेय बृजेश मिश्रा अंकित अभिनव मिश्रा बृजेश मिश्रा आदि लोग उपस्थित रहे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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