दीवाली को दीपों का पर्व माना जाता है, जो अज्ञानता और नकारात्मकता के अंधकार को दूर करने का प्रतीक है। दानिश परवेज़

By: Shakir Ansari
Oct 29, 2024
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दीवाली को दीपों का पर्व माना जाता है, जो अज्ञानता और नकारात्मकता के अंधकार को दूर करने का प्रतीक है।

दानिश परवेज़ 

मैनेजिंग डायरेक्टर - यूरेका इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, दुलहीपुर मुगलसराय


दीपावली भारत का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। रोशनी और खुशियों का प्रतीक ये पर्व हमारे जीवन में सत्य, धर्म और आत्मज्ञान के प्रकाश को प्रकट करता है।दिवाली यानि दीयों की रोशनी से भरपूर माहौल, लक्ष्मी पूजा और ढेर सारी खुशियाँ। साथ ही विद्यालय की  प्रिंसिपल रजिया ने बच्चों को बताया कि दीवाली पर्व भले ही ऊपर से देखने में साधारण लगता हो लेकिन यह खुद में कई आध्यात्मिक महत्ताओं को समेटे हुए है। यह वही दिन है जब राम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे और यह वही दिन है जब नचिकेता यमराज से ज्ञान लेकर पृथ्वी पर वापस आया था। इस तरह से देखें, तो यह दिन कई सारी महत्वपूर्ण घटनाओं को समेटे हुए है, जो किसी न किसी बात का प्रतीक है। बच्चों ने विद्यालय में विभिन्न विभिन्न प्रकार के रंगोली व दिया बना कर प्रस्तुत किया जिसमे विद्यालय के अध्यापक व अध्यापिका मनोज, के एन त्रिपाठी, एस के श्रीवास्तव, सलमा, रिया, ख़ुशबू, आस्था, रितु, सुहेल, कृष्णा उपस्थित रहे, जिसने साथ ही बच्चों व शिक्षकों को प्रदीप राय( विद्यालय कन्वेनर) द्वारा मिठाई व ईनाम का वितरण भी किया गया।


Shakir Ansari

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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