जाफरी स्ट्रीट से उठा पचासे का जुलूस
गूंजी हाय हसन और हाय रसूले खुदा की सदा, सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम
दुलहीपुर के जाफरी स्ट्रीट से बुधवार को इमाम हसन और रसूल ए खुदा (पैगंबर साहब) की शहादत के मौके पर जुलूस उठाया गया। जुलूस उठने से पहले मौलाना कैसर हुसैन नजफी ने मजलिस को खेतबा फरमाया। उन्होंने मजलिस में बताया कि किस तरह से इस्लाम की तारीख में इमाम हसन का जनाजा ऐसा जनाजा था जो घर से निकलने के बाद दोबारा घर लाया गया।
मौलाना ने पढ़ी इमाम की शहादत
मौलाना कैसर हुसैन नजफी ने पढ़ा - इमाम हुसैन और उनके सहाबी उन्हें रसूल के बगल में दफन करना चाहते थे पर उस वक्त के मुसलामानों ने इमाम हसन के जनाजे पर तीर बरसाए और जिसके बाद जनाजा वापस घर ले जाया गया। दोबारा गुस्ल और कफन दिया गया और जनाजे को जन्नतुल बकी में दफन किया गया। उन्होंने इमाम की मौत का वाक्या पढ़ते हुए बताया कि उस वक़्त के शासक ने यह एलान किया था कि जो इमाम हुसैन के बड़े भाई इमाम हसन का सिर लाएगा उसे एक हजार सोने का सिक्का, आधी हुकूमत मिलेगी। यदि कोई औरत ये काम अंजाम देगी तो उसकी शादी अपने बेटे यजीद से करेगा।
इसपर इमाम हसन की बीवी जो अशस की बेटी थी वह लालच में आ गई और उसने इमाम को खाने में जहर दे दिया। उसके बाद जब वह यजीद के बाप के दरबार में वो पहुंची तो उसका सिर भी कलम करवा दिया गया। बाद मजलिस इमाम हसन का ताबूत और अलम उठाया गया।
अंजुमन सज्जादिया असगरिया ने की नौहाख्वानी व मातम
जुलूस उठने पर अंजुमन सज्जादिया असगरिया ने नौहाख्वानी व मातम किया। जुलूस में हाय इमाम ए हसन और हाय रसूले खुदा की सदा बलन्द थी। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ इमामबाड़ा आगा नजफ अली साहब पहुंचा। यहां हाजी समर हसन हुसैनी ने मजलिस पढ़ी। मजलिस के बाद जुलूस सहूपुरी रोड होता हुआ पुरानी जीटी रोड पहुंचा। यहां से जुलूस कर्बला के रस्ते दुलहीपुर कर्बला पहुंचा।
सुरक्षा के थे कड़े इंतजाम, कर्बला पर समाप्त हुआ जुलूस
समाजसेवी राहिब जाफरी ने बताया जुलूस हर वर्ष की तरह पुराने परंपराओं से उठाया गया। जुलूस दोपहर 2 बजे अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ कर्बला दुलहीपुर में समाप्त हुआ। जुलूस में चौकी इंचार्ज मोहम्मद अरशद अपने हमराहियों के साथ मौजूद रहे। इसके अलावा एक कंपनी पीएसी भी लगाईं गई थी। उन्होंने सुरक्षा के लिए एसपी और जिलाधिकारी का धन्यवाद दिया। जुलूस में मुख्य रूप से इम्तेयाज जाफरी, मक़सूद हसन, समर हुसैनी, नसीम जाफरी, कासिम जाफरी, शहंशाह हुसैन, अजहर हुसैन, मुजम्मिल हुसैन, मोहन साव, बबलू पटेल, राजू सुलेमानी, मासूम जाफरी, कासिद, ताबिश, डाक्टर शकील आबिदी ग्राम प्रधान संग्राम पटेल, ग्राम प्रधान विजय पटेल, पूर्व प्रधान राम नरेश पटेल, बीडीससी आफताब अंसारी, बीडीसी रितेश मिश्रा आदि लोग मौजूद रहे।